राजनांदगांव . जिला मुख्यालय से 24 किमी दूर स्थित मनगटा वन चेतना केंद्र में शुक्रवार की रात करीब ढाई बजे व्यस्क बाघ देखा गया। इसकी सूचना चौकीदार व एक बाहरी व्यक्ति के द्वारा वन विभाग के अफसरों को दी गई। सुबह से दुर्ग और राजनांदगांव के अफसरों की टीम बाघ की पतासाजी में जुटी तो रही लेकिन पूरे क्षेत्र में उसका कुछ पता नहीं चल पाया। जगह-जगह उसके पद चिन्ह ट्रेस किए गए। इसकी साथ ही आसपास के गांवों को अलर्ट कर दिया गया।
देर शाम तक रायपुर से भी ट्रंकुलाइजर गन के साथ एक्सपर्ट डॉक्टर व दुर्ग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। रात तक उसकी खोजबीन जारी रही। पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है। सुबह से पर्यटक मनगटा वन चेतना केंद्र तो पहुंचे लेकिन उन्हें दोपहर तक परिसर के बाहर कर दिया गया।
वहीं दुकानों को भी बंद कराया गया। सीसीएफ शालिनी रैना, डीएफओ बीपी सिंह, एडीएम मुकेश रावटे, सीएसपी एसएस शर्मा के साथ वन विभाग के एसडीओ, रेंजर के साथ बड़ी संख्या में अमले की तैनाती पूरे क्षेत्र में की गई। हालांकि वन विभाग के अफसरों ने जगह-जगह पिंजरे भी लगाए। रात तक बाघ पकड़ में नहीं आया।
नौ गांव में दहशत, चारा के साथ लगाए 5 पिंजरे
जिला मुख्यालय से करीब 27 किमी दूर स्थित मनगटा के आसपास के नौ गांवों में बाघ की दहशत है। रात करीब ढाई बजे मनगटा वन चेतना केंद्र के गेट के पास बाघ देखने की सूचना के बाद से हड़कंप मच गया। यहां सुबह से लेकर शाम ढलते तक करीब 12 घंटे तक वन विभाग का अमला बिना ट्रेंकुलाइजर गन और एक्सपर्ट के बाघ को ढूंढता रहा। शाम होते ही रायपुर से ट्रेंकुलाइजर गन और एक्सपर्ट के साथ लाए गए। दुर्ग और राजनांदगांव से लगे नौ गांवों में मुनादी करा दी गई।
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