रायगढ़. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में आठ प्राइमरी स्कूलों में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत माइक्रोसाॅफ्ट, हुमाना ने ई क्लास रूम तो बना दिए, लेकिन अब तक यहां कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर नहीं लगे हैं। शिक्षकों को ट्रेनिंग भी नहीं दी गई है और ना ही नए संसाधनों से पढ़ाई हो रही है। मॉडर्न क्लास रूम में पहले दिन बच्चों को वीडियो दिखाने के बाद दूसरे दिन एग्जाम लेना है। एग्जाम के रिजल्ट कम्प्यूटर में सेव रखने के लिए कहा गया है। हर दिन का शेड्यूल तय है, इसी तामझाम के कारण ही शिक्षक मॉडर्न क्लास में पढ़ाने को लेकर रूचि ही नहीं दिखा रहे हैं।
दरअसल, शहर और आसपास के प्राइमरी स्कूलों में पिछले हफ्ते ही मॉडर्न क्लास रूम बनाए गए थे। कक्षा तीसरी से 5वीं तक हर रोज 30-40 मिनट क्लास लेने के लिए कहा गया है। इन मॉडर्न स्कूलों की सोमवार को पड़ताल की गई। सिर्फ एक स्कूल में ही पढ़ाई होती हुई दिखी। बाकी स्कूलों में चुनाव और क्रिसमस की छुट्टियों को देखते हुए क्लासेस के लैपटॉप, प्रोजेक्टर और फर्नीचर को समेट करके एक रूम में रख दिया गया था। यहां शिक्षकों कहना है कि अगले माह जनवरी से पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। इसमें कुछ स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन और शिक्षकों को ट्रेनिंग भी नहीं दी जा सकी है।
जूटमिल ललित प्राइमरी स्कूल में लैपटॉप, फर्नीचर, प्रोजेक्टर को छ़ुट्टियों और चुनाव को देखते हुए उसे समेटकर कमरे में रख दिया गया है। यहां पर 15 दिनों पहले क्लास रूम में लैपटॉप, होम थियेटर, प्रोजेक्टर और फर्नीचर लगाए गए हैं। इंटरनेट कनेक्शन नहीं दिया जा सका है। इसमें तीसरी से पांचवीं तक करीब 75 बच्चों को ई मॉडल क्लास रूम में पढ़ाया जाना है। सोमवार को मॉडर्न क्लास रूम में सामानों को समेटकर एक रुम में रख दिया गया था।
रामभाठा स्थित डॉ कैलाश नाथ काटजू बालक प्राइमरी स्कूल में पिछले कुछ हफ्ते पहले लैपटॉप, होम थियेटर, फर्नीचर जैसे सामान दे दिए गए, इसे एक रुम में रख दिया गया है। इसके लिए स्कूल शिक्षकों को अभी तक ट्रेनिंग और स्कूल को इंटरनेट सर्विस भी नहीं दिया जा सका है, जिससे पढ़ाई कराई जा सके। स्कूल प्रधान पाठक गीता उपाध्याय ने बताया कि अभी ट्रेनिंग देने के साथ क्लास रुम को नए स्वरुप में बनाया जाना है, इसे अगले माह से शुरु कराया जाएगा।
विजयपुर स्थित प्रायमरी स्कूल में तीसरी से लेकर पांचवी तक कक्षा में करीब 73 बच्चों को लैपटॉप से पढ़ाई कराई जा रही है। यहां पर निकाय चुनाव के लिए मतदान केन्द्र बनाया गया था इसके बाद यहां भी एक क्लास रूम में सभी सामानों में रख दिया गया था इसके बाद दो लैपटॉप से सोमवार को स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। यहां पर पिछले हफ्ते औपचारिक शुरुआत मॉडर्न क्लास रूम की हुई थी। यहां पर पढ़ाई कराकर दूसरे दिन एग्जाम भी लिया जा रहा है।
कोरिया दादर प्रायमरी स्कूल में करीब 95 बच्चों को पढ़ाया जाना है। यहां पर 4 शिक्षकों को ई क्लास रूम में पढ़ाई को लेकर ट्रेनिंग नहीं दी जा सकी है। इस वजह से पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। यहां 5 लैपटॉप, प्रोजेक्टर और साउंड सिस्टम उपलब्ध कराए गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि हर स्टूडेंट्स को आईडी अभी तक नहीं दी जा सकी है। शिक्षकों कहना हैं कि यहां पर अगले माह से पढ़ाई कराई जाएगी।
स्कूलों में ई क्लास रूम की शुरुआत जब हुई थी, तब हमने सभी स्कूलों के एचएम को बुलाया था। परेशानी पूछी जिसमें उन्होंने सारी व्यवस्था ठीक बताई थी। अब यदि किसी स्कूलों में शिक्षकों को ट्रेनिंग नहीं दी गई है या सिस्टम नहीं लगे हैं तो मैं खुद हर स्कूलों में जाकर देखूंगा उसके बाद व्यवस्था सुधरवा कर ही हुआना और माइक्रोसाफ्ट कंपनी को एनओसी दिया जाएगा।रमेश देवांगन, समन्वयक, राजीव गांधी शिक्षा मिशन
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