Saturday, 24th May 2025

पाकिस्तान / भारत से पोलियो मार्कर्स खरीदेगी इमरान सरकार; पहले चीन से मंगवाया था, लेकिन घटिया निकला

Wed, Dec 25, 2019 9:09 PM

 

  • पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाईजीरिया उन देशों में शामिल, जहां पोलियो उन्मूलन नहीं हो सका
  • पोलियो मार्कर्स का इस्तेमाल बच्चों को दवा पिलाने के बाद उंगली पर निशान लगाने के लिए किया जाता है

 

इस्लामाबाद. चीन के पोलियो मार्कर्स की क्वॉलिटी से नाखुश पाकिस्तान सरकार ने अब इन्हें भारत से खरीदने का फैसला किया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने 5 अगस्त को भारत से कारोबार पर रोक लगा दी थी। अवाम के दबाव में एक हफ्ते बाद दवा व्यापार से रोक हटाई गई। अब चीन के पोलियो मार्कर्स की घटिया क्वॉलिटी को देखते हुए इमरान सरकार ने अब इन्हें भारत से खरीदने का निर्णय किया है। 

डब्लूएचओ ने सिर्फ भारत और चीन को अधिकृत किया
पोलियो मार्कर्स का उपयोग बच्चों को दवा पिलाने के बाद उंगली पर निशान लगाने के लिए किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने सिर्फ भारत और चीन को पोलियो मार्कर्स के उत्पादन के लिए अधिकृत किया है। पाकिस्तान ने विरोध में भारत से व्यापार पर एकतरफा रोक लगा दी थी। इससे वहां जीवनरक्षक दवाइयों का अकाल पड़ा। अवाम और कारोबारी सड़कों पर उतरे। दबाव में दवा कारोबार से रोक हटाई गई।

 

भारत के पोलियो मार्कर्स सुरक्षित
बैन के पहले पाकिस्तान ने भारत से 80 हजार मार्कर्स खरीदने का समझौता किया था। यह खटाई में पड़ा तो आनन-फानन में इन्हें चीन से मंगाया गया। पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन अभियान के प्रमुख राणा सफदर के मुताबिक, चीनी मार्कर्स न सिर्फ काफी महंगे थे बल्कि इनकी क्वॉलिटी भी खराब थी। दरअसल, बच्चे कई बार मार्कर लगी उंगली मुंह में रख लेते हैं। भारतीय मार्कर इस लिहाज से सुरक्षित यानी नॉन टॉक्सिक हैं, जबकि चीनी उत्पादों के साथ ऐसा नहीं था। इसकी शिकायत चीन सरकार से की गई तो उसने गुणवत्ता सुधारने का भरोसा दिया। हालांकि, अब पाकिस्तान ने इन्हें भारत से खरीदने का फैसला किया है।  
 

नौनिहालों को पोलियो से बचाने में नाकाम इमरान 
दुनिया के सिर्फ तीन देशों में पोलियो उन्मूलन नहीं हो सका है। इनमें पाकिस्तान, नाईजीरिया और अफगानिस्तान का नाम शामिल है। 1988 में पाकिस्तान में पोलियो के कुल 35 लाख मामले सामने आए। 2014 में यह आंकड़ा 306 रहा। इस साल यानी 2019 में सिर्फ जून तक यहां 41 पोलियो केस मिले। सबसे ज्यादा 33 मामले प्रधानमंत्री के गृहराज्य खैबर पख्तूनख्वा से हैं। पोलियो वैक्सीन पिलाने घर जाने वाले 16 वर्कर्स की हत्या कर दी गई। सरकार को पोलियो वैक्सीनेशन टीम के साथ हथियारबंद जवान तैनात करना पड़े। 

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