संदीप राजवाड़े/अाकाश धनगर|रायपुर . जागो ग्राहक जागो... यह पंच लाइन अाज हर ग्राहक को याद है, इस कारण ही अब उपभोक्ता फोरम में शिकायत करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रायपुर जिले के उपभोक्ता फोरम में हर महीने अौसतन 100 शिकायतें पहुंच रही हैं, जिनमें से अाधे से कम में ही सुनवाई या फैसला हो पाता है। जिले में अाज की तारीख में 2266 मामले पेंडिंग हैं, जिन पर फैसला होना बाकी है। पेंडिंग केस का इतना दबाव है कि रायपुर कोर्ट के अलावा इन पेंडेंसी को कम करने के लिए कवर्धा कोर्ट की सेवा यहां बुलाकर ली जा रही है और नए साल से धमतरी कोर्ट की सेवा ली जाएगी। पेंडिंग मामलों को लेकर राज्य उपभोक्ता फोरम का अांकलन है कि शिकायत होने वाले मामलों में 25-30 फीसदी एेसे होते हैं, जिनका निपटारा ग्राहक अौर विक्रेता के बीच हो सकता है पर वे एेसा नहीं कर रहे हैं।
इसलिए केस दर्ज हो रहे हैं अौर समय भी लग रहा है।
भास्कर की पड़ताल में सामने अाया कि प्रदेश में संचालित 20 जिलों व पार्ट कोर्ट के माध्यम से उपभोक्ताअों की शिकायतें दर्ज करने के साथ मामलों का निपटारा हो रहा है। 30 नवंबर 2019 तक इन कोर्ट में कुल 7385 शिकायतें पेंडिंग हैं, जिन पर फैसला होना है। इसमें सबसे ज्यादा रायपुर में 2266, दुर्ग में 1877, बिलासपुर में 1298 अौर कांकेर में 332 शिकायतें पेंडिंग हैं। इसके अलावा अन्य जिलों में मामलों में फैसला अाना बाकी है। रायपुर में सबसे ज्यादा पेंडिंग मामलों को लेकर जब पड़ताल की गई तो पाया गया कि यहां हर महीने 80 से 100 केस दर्ज हो रहे हैं, लेकिन 22-30 मामलों की सुनवाई व फैसला हो पा रहा है। जिला उपभोक्ता फोरम के पैनल एक न्यायाधीश व दो सदस्य होने हैं, जिनमें से एक न्यायाधीश व एक सदस्य मौजूद हैं। इसलिए हर महीने वाले दर्ज होने वाले शिकायतों की तुलना में पैनल कम मामलों की सुनवाई कर पा रहा है। इसे देखते हुए ही एक साल से कवर्धा कोर्ट के न्यायाधीश को यहां बुलाकर सुनवाई की जा रही है, उन्हें 600 पेंडिंग मामले दिए गए हैं। वे महीने के अंतिम दो सप्ताह में सुनवाई के लिए अाते हैं, बाकी दो हफ्ते कवर्धा जिले के मामले देखते हैं। इसके अलावा अब नए साल में जनवरी के अंतिम एक सप्ताह में धमतरी फोरम के न्यायाधीश राजधानी के 300 पेंडिंग केस देखेंगे। जिससे कि यहां के पेंडिंग मामले कम हो पाए।
फोरम की अपील-विक्रेता व कंपनी से करें पहले शिकायत, समय व पेंडेंशी दोनों बचेंगे
राज्य उपभोक्ता फोरम के रजिस्ट्रार न्यायाधीश एनकेएस ठाकुर ने बताया कि पेंडिंग मामलों के निपटारे के लिए ही कवर्धा व धमतरी कोर्ट की मदद ली जा रही है। हमारे अांकलन में यह पाया गया है कि एेसे भी केस फोरम में अा रहे हैं, जिसमें लोग खरीददार व कंपनी से उसकी शिकायत कर राहत पा सकते थे, लेकिन उन्होंने एेसा नहीं किया। इसलिए वे शिकायतें यहां की गईं अौर उन्हें लंबा समय भी लगा अौर पेंडिंग मामले भी बढ़ गए। जबकि इसमें प्रावधान यह है कि पहले ग्राहक को जहां से प्रोडक्ट खरीदा है, उसकी वारंटी-गारंटी के रसीद के साथ उस दुकानदार या खरीदी प्लेटफॉर्म से शिकायत करनी चाहिए या जिस कंपनी का प्रोडक्ट है, उससे ही अॉनलाइन, हेल्पलाइन नंबर या ईमेल के जरिए शिकायतें करें। अगले कुछ दिन अगर उनकी तरफ से रिस्पांस नहीं मिलता है या दुकानदार इंकार करता है तो फोरम में केस दर्ज कराएं, उनकी मदद की जाएगी।
20 जिलों तक ही सीमित है फोरम, राज्य का टोलफ्री व हेल्पलाइन नंबर तक नहीं: 2002 में राज्य उपभोक्ता फोरम का गठन हुअा अौर यहां वे संचालित हो रहे हैं। अाज 20 जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम हैं, जिसके जरिए सुनवाई हो रही है। इन सभी जगह न्यायाधीश व सदस्य का पैनल है। 7 जिले अभी एेसे हैं, जहां फोरम नहीं है, यहां लोगों की शिकायत की संख्या भी न के बराबर है।
केस 1 | गाड़ी जलने पर बीमा कंपनी से दिलाए 10 लाख
सड़क बनाने वाली एक मशीन हिंसात्मक घटना में आगजनी का शिकार हो गई। कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बीमा पॉलिसी के तहत राशि की मांग की, जिसका मरम्मत खर्च 22 लाख रुपए से ज्यादा था। बीमा कंपनी ने यह राशि देने से मना कर दिया। साथ ही दुर्घटना परिसीमा के बाहर को होने का दावा भी किया और दो साल बाद परिवाद पेश करना बताया गया। इसके बाद फोरम ने 10 लाख 8 प्रतिशत ब्याज के साथ देने का निर्देश दिया। साथ ही मानसिक परेशानी के 5 हजार रुपए और वाद व्यय के रूप में 500 रुपए देने का भी निर्णय हुआ।
केस 2 | मोबाइल खराब, फोरम ने िदलाया नया सेट
रायपुर निवासी राहुल (बदला हुआ नाम) ने 8 हजार का एक मोबाइल फोन लिया। एक साल के वारंटी पीरियड के अंदर ही यह मोबाइल खराब हो गया। सर्विस सेंटर से उसे 15-20 दिनों में मोबाइल बनाकर देने की बात कही गई। इसके बाद न मोबाइल बना और न ही उसे नया मोबाइल दिया गया। साथ ही कुछ ही दिन बाद कंपनी का सर्विस सेंटर भी बंद हो गया। उपभोक्ता फोरम ने मोबाइल कंपनी को राहुल को नया मोबाइल सेट, मानसिक कष्ट के 2 हजार और वाद व्यय के 1 हजार रुपए देने का आदेश दिया।
यहां कर सकते हैं शिकायत : उपभोक्ता फोरम से जुड़ी शिकायत व जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-11-4000 पर कॉल किया जा सकता है। इसके अलावा एसएमएस नंबर +918130009809 पर कर सकते हैं। जिला उपभोक्ता फोरम में एक रुपए से लेकर 20 लाख रुपए तक के मामले दर्ज किए जाते हैं। साथ ही 20 लाख से एक करोड़ तक के केस दर्ज किए जाते हैं।
जागरुकता बढ़ी है, सुविधाएं भी बढ़ाएंगे
प्रदेशभर में संचालित उपभोक्ता फोरम में लगातार शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे लेकर ग्राहक जागरूक हुए हैं। कोई भी सामान खरीदी के समय बस ध्यान से बिल, वारंटी-गारंटी की रसीद जरूर लें, यह सबसे बड़ा सबूत होता है। इसके अलावा प्रारंभिक चरण में ग्राहक विक्रेता से सामान की शिकायत को लेकर समाधान तलाशते, अगर वे इंकार करते हैं तो फोरम की मदद लें। पेंडिंग मामलों को निपटाने व ग्राहकों को जल्द से जल्द सुविधाएं मिले, इसका प्रयास कर रहे हैं। - एनकेएस ठाकुर, रजिस्ट्रार , छग उपभोक्ता फोरम
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