बालसमुद. ग्राम बलखड़ स्थित सिंगाजी टेकड़ी पर बड़वानी जिले के खजूरी से आई पंचकोसी यात्रा की अगवानी की गई। निशान पूजन किया गया। इस दौरान भंडारा हुआ। इसमें 10 हजार से ज्यादा संत सिंगाजी के अनुयायियों ने शामिल होकर निशान पूजन किया व प्रसादी ग्रहण की। आयोजन समिति के राजेश पटेल, डॉ अनिल शर्मा ने बताया बलखड़ व महाराजखेड़ी के ग्रामीण हरसाल सिंगाजी की टेकड़ी पर यह आयोजन रखते हैं। एक दिनी मेला लगता है। इसमें दो गांवों के अलावा क्षेत्रभर के हजारों लोग सिंगाजी चरण पादुका पूजन व खजूरी से आए निशान का पूजन कर प्रसादी ग्रहण करते हैं।
लोकगीतों से करते हैं महिमा का बखान
भजन मंडलीे सिंगाजी के प्रेरक लोकगीतों के माध्यम से संत की महिमा का बखान करती है। बलखड़ के घनश्याम पटेल ने बताया कि सिंगाजी टेकड़ी की महिमा करीब 500 साल पुरानी है यहां सिंगाजी महाराज रात रुके थे, जिनकी चरण पादुका आज भी मंदिर में स्थापित है, प्रतिवर्ष खजूरी से आने वाली पंचकोसी यात्रा का यहां स्वागत कर भंडारा दिया जाता है।
इधर... बोंदरू बाबा समाधिस्थल पहुंची श्री नवग्रह यात्रा
नागझिरी. पंचकोसी यात्रा रविवार शाम 5 बजे पहुंची। मेहरजा, मगरिया व बड़गांव में नर्मदे हर बाबा सहित यात्रियों की अगवानी हुई। एकादशी के दिन गांव में पहुंचे 5000 से ज्यादा यात्रियों का भोंदू बाबा आरती सेवा ट्रस्ट व ग्रामीणों ने कुशवाहा धर्मशाला में फलाहारी, जलपान से स्वागत किया गया। रात को श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसादी कार्यक्रम रखा गया।संत बोंदरू बाबा की समाधि स्थल प्रांगण में पंचकोसी यात्रियों ने रात्रि जागरण किया। भजन-कीर्तन पर आराधना की। ग्रामीणों ने सभी सत्संग में हिस्सा लिया। इस दौरान पंचकुला विश्व मानव रुहानी केंद्र से जुड़े संत श्री बलजीतसिंह के सेवादारों के माध्यम से निशुल्क जांच उपचार शिविर लगाया गया। इसमें डॉ दिलीप चौहान, डॉ एस. सिसौदिया ने पंचकोसी यात्रियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। 558 मरीजों का पंजीयन कर दवाइयां बांटी गई। सोमवार को यहां से दूसरे दिन की यात्रा शुरू हुई। खेड़ा, छंटलगांव में रेणुका माता मंदिर में दर्शन कर जामली, कुकडोल होकर उमरखली पड़ाव को पहुंचे। मंगलवार को देवझिरी दर्शन बाद भसनेर होकर संतोषी माता मंदिर से कुंदा के बड़घाटेश्वर क्षेत्र पहुंचेगी।
चुनरी यात्रा निकली, मुलठान में कथा शुरू
खामखेड़ा. मुलठान में श्री मद भागवत कथा सोमवार से शुरू हुई। यह 29 दिसंबर तक चलेगी। पहले दिन मां आशापुरी मंदिर परिसर से सुबह 9 बजे से चुनरी यात्रा निकाली गई। यह बाजार चौक, हाई स्कूल क्षेत्र होकर गोशाला परिसर पहुंची। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान सौरभ दुबे, मुकेश शर्मा, गजानंद सोलंकी, मनोहर कुमरावत, अखिलेश जायसवाल, भीम दरबार, गणपति माली, रामचंद्र माली, मोहन मोरी, सुभाष यादव आदि थे।
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