Tuesday, 10th June 2025

सीएए / कानून को लेकर अफवाहें फैलाई जा रहीं, लोगों को पता ही नहीं वे क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं: हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस

Tue, Dec 24, 2019 8:04 PM

 

  • पिछले कई दिनों से सीएए और एनआरसी को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, उप्र में हिंसा के दौरान 17 मौतें
  • सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ने प्रमोद कोहली बोले- सीएए से भारतीय नागरिकों के अधिकारों का हनन नहीं होगा
  • प्रदर्शनों में हिंसा पर उन्होंने कहा- ऐसा विरोध समाज के हित में नहीं, राजनीतिक दल भी प्रोपेगेंडा में शामिल हो सकते हैं

 

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश के कई राज्यों में प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच, सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस प्रमोद कोहली और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि इस कानून को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इससे किसी भी भारतीय नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं होगा। उन्होंने यह बात सोमवार को ‘नागरिकता कानून में संशोधन और इसका भारतीय समाज पर प्रभाव’ विषय पर चर्चा के दौरान कही।

पूर्व चीफ जस्टिस कोहली ने कहा कि सीएए के बारे में गलत सूचनाएं पहुंचाकर समाज के एक वर्ग को गुमराह किया जा रहा है। इस तरह के प्रदर्शन समाज के हित में नहीं हैं। कानून विरोधी प्रोपेगेंडा में कुछ राजनीतिक दल भी शामिल हो सकते हैं। प्रदर्शन करने वाले ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं है कि वे किसके लिए विरोध कर रहे हैं। भारतीय समाज पर इस संशोधन का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए लोगों को गलतफहमियां दूर करने और कानून को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए आगे आना होगा। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज श्रीवास्तव ने कहा कि सीएए ऐसे लोगों के लिए मददगार साबित होगा, जिन्होंने प्रताड़ना की वजह से भारत में शरण ली है।

ओवैसी ने पूछा- कौन एनआरसी पर झूठ बोल रहा है मोदी या शाह?
उधर, सीएए और एनआरसी को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा कि मोदी एनआरसी के मुद्दे पर देश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने दिल्ली की रैली में कहा कि एनआरसी को देशभर में लागू नहीं करेंगे। अब सीएए पर विरोध के बाद कह रहे हैं कि सीएए और एनआरसी भारतीय मुस्लिमों पर लागू नहीं किया जाएगा। कौन झूठ बोल रहा है? मोदी या गृह मंत्री अमित शाह? शाह तो लोकसभा में कह चुके हैं कि नागरिकता कानून के बाद अगला नंबर देशभर में एनआरसी का है।

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