नई दिल्ली. कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के विरोध में कांग्रेस ने राजघाट पर प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, डॉ. मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ शामिल हुए। सोनिया, राहुल और मनमोहन ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर युवाओं से इस प्रदर्शन से जुड़ने की अपील की थी। उन्होंने कहा, “भारत के छात्रों और युवाओं, अब सिर्फ यही काफी नहीं कि आप भारत को महसूस करें। इस तरह के नाजुक समय में यह बताना जरूरी है कि आप खुद भारत हैं और इसे नफरत से तबाह नहीं होने देंगे। भारत में मोदी-शाह की नफरत और हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन के लिए मेरे साथ राजघाट में जुड़िए।”
‘आपको अपनों से अलग करने की कोशिश कर रही सरकार’
राहुल ने एक दिन पहले ही ट्वीट कर मोदी और शाह पर छात्रों और युवाओं के भविष्य को तबाह करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सरकार अर्थव्यवस्था की तबाही पर आपका गुस्सा नहीं झेल सकती, इसलिए वो आपको अपनों से अलग करने की कोशिश कर रही है।
भाजपा की कोलकाता में सीएए के समर्थन में रैली
भाजपा ने कोलकाता में सीएए के समर्थन में रैली निकाली। इसमें भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘‘पूरा बंगाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा दिखाई देता है। राज्य ने नागरिकता संशोधन कानून का स्वागत किया है। बंगाल के लोग देशभक्त हैं। एक बार मनमोहन सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी से कहा था कि विभाजन के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक काफी कष्ट उठा रहे हैं। ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि भारत आए ऐसे लोगों को नागरिकता दी जाए।’’
जामिया हिंसा के बाद दक्षिण कोरिया चले गए थे राहुल
जामिया में प्रदर्शन के बाद हुई हिंसा के अगले ही दिन राहुल गांधी दक्षिण कोरिया दौरे पर निकल गए थे। इसे लेकर उनकी काफी आलोचना हुई थी। राहुल की गैरमौजूदगी में उनकी बहन प्रियंका गांधी युवाओं के साथ प्रदर्शनों में शामिल हुईं। उन्होंने 17 दिसंबर को इंडिया गेट पहुंचकर सीएए कानून के खिलाफ विरोध जताया। 28 दिसंबर को एक बार फिर दिल्ली के दरियागंज में हुई हिंसा के खिलाफ वे इंडिया गेट पहुंची थीं।
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