Tuesday, 10th June 2025

झारखंड नतीजे / 24 साल से जमशेदपुर पूर्व सीट जीत रहे मौजूदा सीएम रघुवर अपने ही पूर्व सहयोगी से सरयू से पीछे, मोदी-शाह दोनों ने सभा की

Tue, Dec 24, 2019 1:13 AM

 

  • भाजपा से टिकट न मिलने पर सरयू राय निर्दलीय मैदान में उतरे, इस सीट पर रघुवर 1995 से जीत रहे
  • हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट सीट पर आगे चल रहे, उन्हें महागठबंधन ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया

 

रांची. झारखंड में 7 सीटों जमशेदपुर पूर्व, दुमका, बरहेट, सिल्ली, धनवार, लोहरदगा और झरिया पर हाईप्रोफाइल मुकाबला है। जमशेदपुर पूर्व सीट पर मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मंत्री और निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय से 11 हजार से ज्यादा वोटों से पीछे चल रहे हैं। रघुवर 1995 से लगातार जमशेदपुर पूर्व सीट जीत रहे हैं। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट दोनों सीटों से आगे चल रहे हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ने जमशेदपुर पूर्व में जनसभाएं की थीं। 

वहीं, सिल्ली से आजसू प्रमुख सुदेश महतो, धनवार से पूर्व मुख्यमंत्री और झाविमो के बाबूलाल मरांडी, लोहरदगा से रामेश्वर उरांव और झरिया से कांग्रेस की पूर्णिमा सिंह आगे चल रही हैं।

1. जमशेदपुर पूर्व: मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच मुकाबला
प्रदेश की सबसे हॉट सीट जमशेदपुर पूर्वी है। यहां से मुख्यमंत्री रघुवर दास को भाजपा ने मैदान में उतारा है। वे इस सीट से 5 बार जीत चुके हैं, लेकिन इस बार रघुवर की राह आसान नहीं दिख रही। कारण है रघुवर कैबिनेट में मंत्री रहे सरयू राय। भाजपा से बागी होकर सरयू राय इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने तेज तर्रार नेता गौरव वल्लभ को मैदान में उतारा है। ऐसे में इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है।

2. दुमका: सीएम कैंडिडेट हेमंत सोरेन की साख दांव पर
दुमका सीट से झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मैदान में हैं। महागठबंधन ने उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया है। हेमंत सोरेन के मुकाबले भाजपा ने मंत्री डॉ. लुइस मरांडी को उतारा है। 2014 में लुइस ने करीब 5 हजार मतों से हेमंत को हराया था। ऐसे में इस सीट पर हेमंत की साख दांव पर लगी हुई है।

3. बरहेट: झामुमो का गढ़, हेमंत यहां से भी प्रत्याशी
2014 की तरह ही इस बार भी हेमंत सोरेन दुमका के अलावा बरहेट सीट से भी मैदान में हैं। इस सीट को झामुमो का गढ़ माना जाता है। 2014 में हेमंत ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। 30 साल से यहां झामुमो का ही कब्जा है। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के सिमोन मालतो से है। इस सीट पर आज तक कमल नहीं खिला है। दुमका में मोदी की रैली के दौरान सिमोन मालतो ने भी मंच साझा किया था। इसके अलावा रघुवर दास ने भी यहां चुनाव प्रचार किया।

4. सिल्ली: सुदेश महतो की प्रतिष्ठा दांव पर
सिल्ली सीट से राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू प्रमुख सुदेश महतो चुनाव मैदान में हैं। झारखंड बनने के बाद पहली बार आजसू, भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ रही है। 2014 में झामुमो के अमित कुमार ने महतो को 29 हजार वोटों से हराया था। बाद में आपराधिक मामले में अमित कुमार को सजा के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए। इसमें सुदेश महतो को झामुमो के टिकट पर उतरी अमित की पत्नी सीमा देवी ने हराया था। यानी सुदेश लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में उनकी औरपार्टी की साख दांव पर लगी है।

5. धनवार: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मैदान में
धनवार सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के लक्ष्मण प्रसाद सिंह और भाकपा माले के राजकुमार यादव से है। 2014 में भाकपा माले के टिकट पर राजकुमार यादव ने मरांडी को हराया था। 2005 में भाजपा, 2009 में झाविमो ने जीत दर्ज की थी।

6. लोहरदगा: कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष को उतारा
लोहरदगा सीट से कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव को मैदान में उतारा है। वहीं, भाजपा ने सुखदेव भगत को टिकट दिया। भगत प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष थे। वे भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं, आजसू ने पूर्व विधायक कमल किशोर की पत्नी नीरू शांति को टिकट दिया है। इस तिकड़ी ने इस सीट पर मुकाबला रोमांचक बना दिया है।

7. झरिया: एक परिवार की दो बहुएं आमने-सामने
इस सीट पर कोयलांचल के प्रभावशाली परिवार की दो बहुएं आमने-सामने हैं। पिछले चुनाव में दोनों के पति एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े थे। रागिनी सिंह (भाजपा), पूर्णिमा सिंह (कांग्रेस) के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं हैं। 2014 में इस सीट से भाजपा के टिकट पर संजीव सिंह और कांग्रेस के टिकट पर नीरज सिंह ने चुनाव लड़ा था, जिसमें नीरज सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। 2017 में नीरज सिंह की हत्या हो गई। संजीव सिंह फिलहाल नीरज सिंह की हत्या के आरोप में जेल में हैं।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery