नागरिकता कानून / क्या किसी के माथे पर लिखा है कि वो पाकिस्तानी है, सबको नागरिकता साबित करनी पड़ेगी- भूपेश बघेल
Tue, Dec 24, 2019 1:03 AM
- भिलाई में आयोजित की गई संविधान बचाओ रैली
- रैली के दौरान मुख्यमंत्री ने दिया बयान- कहा यह कानून नागरिकों प्रताड़ित करेगा
- सीएए और एनआरसी को बताया संविधान के लिए खतरा
भिलाई. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर अपनी सियासत का कोई मौका नहीं छोड़ रही। भिलाई में आयोजित संविधान बचाओ रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत राज्य सरकार के अन्य मंत्री भी पहुंचे। यहां सीएम ने केंद्र सरकार के बयानों पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि- वो कहते हैं इस कानून से देश के नागिरकों को चिंता करने की जरुरत नहीं है, तो क्या किसी के माथे पर लिखा होता है कि वह बांग्लादेशी या पाकिस्तानी है। इस कानून की वजह से हर नागरिक को अपनी नागरिता साबित करनी होगी। हम सभी को अपनी नागरिकता प्रमाणित करनी होगी। अगर किसी से टाइपिंग मिस्टेक हो गई और आपके पिता के नाम की जगह किसी और का नाम लिख गया तो जनता कोर्ट के चक्कर लगाती रहेगी। जिंदगी भर इसकी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
सीएम के भाषण के प्रमुख अंश
- स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में कहा था कि मैं उस देश से आता हूं जहां दुनिया भर के सताए हुए लोगों को संरक्षण मिला
- 1906 में अंग्रेजों ने एआरसी लागू किया था। दक्षिण अफ्रिका में इसे लागू किया गया था, लोगों को अपने फिंगर प्रिंट देने पड़ रहे थे, महात्मा गांधी ने 1907कहा था कि में इस रजिस्टर में ना ही साइन करूंगा ना ही फिंगर फ्रिंट नहीं दूंगा
- असम में यह बात आई कि यहां बंग्लादेश से लोग घुसे हैं, वहां के लोगों ने कहा घुसपैठियेां को बाहर करो, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 10 साल तक 52 हजार कर्मचारी एनआरसी पर काम करते रहे, वहां की आबादी 3 करोड़ से कुछ अधिक है साढ़े 6 करोड़ दस्तावेज आए जिनका वजन 50 ट्रक के बराबर,
- इनमें पूर्व राष्ट्रपति फकरुद्दिन अली के परिवार के लोग भारतीय साबित नहीं हुए, भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक को भी भारतीय नहीं माना गया, वहां के सीएम ने कहा इसमें गलती हुई इसको सुधारना होगा
- पहली बार में 40 लाख लोग गैर भारतीय साबित हुए, दोबारा जांच की गई तो 19 लाख लोग, इनमें 5 लाख मुसल्मान 14 लाख हिंदू गैर भारतीय साबित हुए
- दुनिया में ऐसे 1 करोड़ लोग हैं जो किसी भी देश के नागरीक नहीं, इनमें सबसे ज्यादा भारत में रह रहे हैं
- असम में 3 करोड़ के करीब जनता का एनआरसी 10 साल में हुआ, 1600 करोड़ खर्चे अब 130 करोड़ के देश में कितना पैसा लगेगा, कितने अधिकारी कर्मचारी लगेंगे, वक्त और पैसा लगेगा,
- हम कहते हैं कि आपके पास (केंद्र सरकार) एजेंसी है जो घुसपैठियों को रोके उन्हें पकड़े, संविधान के मुताबिक कार्रवाई करे। लेकिन एनआरसी से पूरे देश की जनता को परेशान करेंगे तो हम साथ नहीं देगे यह काला कनून है।
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