Thursday, 22nd May 2025

टाटा सन्स विवाद / रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले से गैर-कानूनी शब्द हटाने की अपील की

Tue, Dec 24, 2019 12:58 AM

 

  • नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने टाटा सन्स को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी बनाने को गैर-कानूनी बताया था
  • रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की दलील- प्रक्रिया गैर कानूनी नहीं थी बल्कि नियमानुसार ही मंजूरी दी थी
  • टाटा सन्स के खिलाफ सायरस मिस्त्री की याचिका पर अपीलेट ट्रिब्यूनल ने पिछले हफ्ते फैसला दिया था

 

मुंबई. सायरस मिस्त्री-टाटा सन्स विवाद में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले से गैरकानूनी (इलीगल) शब्द हटाने की अपील की है। आरओसी ने सोमवार को एनसीएलएटी में याचिका दायर की। मिस्त्री-टाटा सन्स मामले में एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को फैसला दिया था कि मिस्त्री फिर से टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए जाएं। मिस्त्री 2016 में हटाए गए थे। ट्रिब्यूनल ने टाटा सन्स को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के लिए आरओसी की मंजूरी के फैसले को भी गैर-कानूनी बताया था।

मिस्त्री परिवार टाटा सन्स को प्राइवेट कंपनी बनाने के खिलाफ था

आरओसी का कहना है कि उसकी प्रक्रिया गैर-कानूनी नहीं थी। कानून के मुताबिक ही मंजूरी दी गई थी। बता दें सितंबर 2017 में टाटा सन्स को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी बनाने के लिए शेयरधारकों ने मंजूरी दी थी। उसके बाद आरओसी ने टाटा सन्स को प्राइवेट कंपनी के तौर पर दर्ज किया था। सायरस मिस्त्री परिवार इसके खिलाफ था। क्योंकि प्राइवेट कंपनी होने से वे अपने शेयर बाहरी लोगों को नहीं बेच सकते, बल्कि टाटा को ही बेचने पड़ेंगे। जबकि, पब्लिक लिमिटेड कंपनी के शेयरधारक किसी को भी अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं। मिस्त्री परिवार के पास टाटा सन्स के 18.4% शेयर हैं।

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