Wednesday, 11th June 2025

मध्य प्रदेश / ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने की अटकलें, रिपीट हो सकते हैं दिग्विजय सिंह

Tue, Dec 24, 2019 12:54 AM

 

  • अप्रैल में राज्यसभा से दिग्विजय, सत्यनारायण और  प्रभात झा का कार्यकाल पूरा हो रहा है
  • राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि सिंधिया को राज्यसभा भेजा जाएगा

 

भोपाल। अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी जल्द दूर हो सकती है। प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि सिंधिया को राज्यसभा भेजा जाएगा और उन्हें सदन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

अप्रैल में खाली होनी हैं 3 सीटें: अप्रैल में राज्यसभा से दिग्विजय सिंह, सत्यनारायण जटिया और  प्रभात झा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। प्रदेश में बदले सत्ता समीकरणों और कांग्रेस और उसका समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या को देखते हुए दो सीटे कांग्रेस के खाते में जाएंगी और एक भाजपा के। ऐसे में कहा जा रहा है कि एक सीट पर कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरे रिक्त होने वाले स्थान पर दिग्विजय सिंह को रिपीट किया जा सकता है। 


ट्विटर पर समाजसेवी और क्रिकेट प्रेमी लिखा था

नवबंर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर हैंडल पर अपना बायो बदल लिया था। उन्होंने सांसद और केंद्रीय मंत्री जैसे पूर्व पदों का जिक्र हटाकर खुद को समाजसेवी और क्रिकेट प्रेमी बताया है। इस बदलाव के कई मायने निकाले जाने लगे थे। सिंधिया ने सफाई देते हुए कहा था कि ऐसा उन्होंने डिटेल को शॉर्ट करने के लिए किया है और वह एक महीने पहले ही ऐसा कर चुके थे।  

राज्य सरकार से नाराजगी की खबरें

सिंधिया मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में आई बाढ़ के समय वहां गांव-गांव जाकर लोगों से मिले थे। अक्टूबर में सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को 4 पत्र लिखे थे, जिसमें उन्होंने बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद और प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों के लिए जल्द काम करने की मांग की थी। नवंबर में सिंधिया ने दतिया के लोगों की समस्याओं के बारे में कमलनाथ को पत्र लिखा था। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री की इनमें से किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया।

सरकार बनने के बाद से ही नाराज चल रहे हैं सिंधिया
बताया जा रहा है कि सिंधिया मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही नाराज चल रहे हैं। प्रदेश में सिंधिया को सामने रखकर चुनाव लड़ा गया था। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को बनाया गया। चुनाव में जैसे ही कांग्रेस को बहुमत मिला। कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया। कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सिंधिया प्रदेश की राजनीति से दूर हो गए थे। 

सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठी थी
सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग उनके समर्थक मंत्री समय-समय पर करते रहे हैं। सिंधिया के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने की अटकलें अगस्त-सिंतबर में भी लगी थीं। वे कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सोनिया से मुलाकात की। इसके बाद सिंधिया को अध्यक्ष बनाने का फैसला फिर टाल दिया गया।


ज्योतिरादित्य और कमलनाथ साथ-साथ

  1. एक महीने में दूसरी बार मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया साथ-साथ नजर आए। रविवार को कमलनाथ और सिंधिया पहले दिल्ली से ग्वालियर फिर ग्वालियर से भोपाल तक साथ में एक ही विमान से आए। सिंधिया भोपाल में करीब दो घंटे रुके। इस दौरान वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी और स्व. बाबूलाल गौर के आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सिंधिया शाम को दिल्ली रवाना हो गए। 
  2. सिंधिया इससे पहले 30 नवंबर को कमलनाथ के साथ बनवारी लाल शर्मा की पोती की शादी में शामिल होने हेलिकॉप्टर से एकसाथ ग्वालियर से मुरैना गए थे। जौरा से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा का शनिवार को निधन हो गया था, उनकी अंत्येष्ठि में शामिल होने सिंधिया और कमलनाथ दिल्ली से साथ में ग्वालियर पहुंचे थे। 

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery