भोपाल. 26 दिसंबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। इस बार यह दुर्लभ ग्रह-स्थिति में हो रहा है। वृद्धि योग और मूल नक्षत्र में हो रहे इस ग्रहण के दौरान गुरुवार और अमावस्या का संयोग बन रहा है। वहीं, धनु राशि में 6 ग्रह एक साथ हैं। ग्रहों की ऐसी स्थिति तीन सदी पहले बनी थी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के डॉ. गणेश प्रसाद मिश्रा बताते हैं कि ऐसा दुर्लभ सूर्यग्रहण 296 साल पहले 7 जनवरी 1723 को हुआ था। उसके बाद ग्रह-नक्षत्रों की वैसी ही स्थिति 26 दिसंबर को रहेगी। ग्रहण की अवधि 3.30 घंटे की रहेगी।
12 देशों में सूर्य ग्रहण दिखेगा
यह सूर्य ग्रहण भारत, श्रीलंका, सऊदी अरब, सुमात्रा, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और बोर्नियो में दिखाई देगा। ऊटी, कोयंबटूर, शिवगंगा, तिरुचिरापल्ली, अल होफुफ और सिंगापुर के कुछ प्रसिद्ध शहरों में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। वहीं मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, कन्याकुमारी, रियाद, दोहा, अबू धाबी, मस्कट, कुवैत सिटी, कराची, कुआलालंपुर, जकार्ता और भारत के कुछ प्रसिद्ध शहरों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
यह पूर्ण ग्रहण नहीं, चन्द्रमा की छाया सूर्य का 97% भाग ढंकेगी, अवधि 3.30 घंटे रहेगी
26 दिसंबर गुरुवार को होने वाला सूर्य ग्रहण वलयाकार (अर्द्ध-चंद्राकार) होगा, क्योंकि आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनाएगी। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होगा, क्योंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का 97% भाग ढंकेगी। इस सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 3.30 घंटे रहेगी। भारत में सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 बजे मुंबई, ठाणे और अन्य कुछ शहरों में शुरू होगा। ग्रहण के समाप्त होने का समय अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होगा। उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में सुबह 10.56 बजे ग्रहण समाप्त हो जाएगा, लेकिन चेन्नई सहित दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में 11.19 बजे तक ग्रहण दिखाई दे सकता है, वहीं कोलकाता में सुबह 11.32 बजे तक ग्रहण दिखाई दे सकता है। सूर्य ग्रहण का सूतक 25 दिसंबर, बुधवार को शाम करीब 05.15 बजे से शुरू होगा जो कि ग्रहण समाप्त होते ही खत्म हो जाएगा।
भास्कर एक्सपर्ट पैनल : राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्णकुमार भार्गव, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश प्रसाद मिश्रा, उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित प्रफुल्ल भट्ट और पंडित प्रवीण द्विवेदी
इन ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक लगभग तीन सदी के बाद ऐसा सूर्य ग्रहण है, जिसका अशुभ से ज्यादा शुभ असर देखने को मिल सकता है। जहां-जहां भी ये ग्रहण दिखाई देगा, वहां-वहां आर्थिक और राजनीतिक रूप से बेहतर स्थितियां बनेंगी। अच्छी बारिश और खुशहाली रहेगी। ये बहुत विचित्र संयोग भी है कि लगभग 300 साल के अंतर में ऐसा ग्रहण हो रहा है जिसके प्रभाव में सभी 9 ग्रह होंगे। इनमें से 7 ग्रह सीधे सूर्य के संपर्क में हैं।
सूर्य के साथ धनु राशि में कौन-से ग्रह
डॉ. मिश्रा के अनुसार, 26 दिसंबर को मूल नक्षत्र और वृद्धि योग में सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। 296 साल बाद दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस दिन मूल नक्षत्र में 4 ग्रह रहेंगे। वहीं, धनु राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध, बृहस्पति, शनि और केतु रहेंगे। इन 6 ग्रहों पर राहु की पूर्ण दृष्टि भी रहेगी। इनमें 2 ग्रह यानी बुध और गुरु अस्त रहेंगे। इन ग्रहों के एक राशि पहले (वृश्चिक में) मंगल और एक राशि आगे (मकर में) शुक्र स्थित है। इस कारण द्विर्द्वादश योग बनने से ये 2 ग्रह भी इससे प्रभावित होंगे। इस तरह दुर्लभ सूर्य ग्रहण में 7 ग्रहों का विशेष योग बन रहा है। इस तरह पूरे 9 ग्रह इस ग्रहण से प्रभावित रहेंगे।
गुरुवार को अमावस्या का संयोग
ज्योतिष के संहिता स्कंध के अनुसार, शुभ दिनों में पड़ने वाली अमावस्या शुभ फल देने वाली होती है। 26 दिसंबर, गुरुवार को पौष माह की अमावस्या का संयोग भी 3 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 29 दिसंबर 2016 को गुरुवार और अमावस्या थी। इसके साथ ही 296 साल पहले हुए सूर्य ग्रहण पर भी गुरुवार और अमावस्या का संयोग बना था। इस संयोग के प्रभाव से ग्रहों की अशुभ स्थिति का असर कम हो जाता है। इससे अच्छी आर्थिक और राजनीतिक स्थितियां बनती हैं।
ग्रहण का फल
4 राशियों के लिए शुभ और अन्य 8 राशियों के लिए अशुभ
ज्योतिषाचार्य पं प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार 12 में से 4 राशियों के लिए ये सूर्य ग्रहण शुभ फल देने वाला रहेगा, वहीं अन्य 8 राशियों के लिए ये अशुभ रहेगा।
शुभ - कर्क, तुला, कुंभ और मीन राशि वालों को इस ग्रहण के प्रभाव से सुख, सफलता, विजय, आरोग्य और धन लाभ प्राप्त होगा। पद-प्रतिष्ठा भी मिलेगी।
अशुभ - मेष, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु और मकर राशि वालों के लिए हानिकारक समय रहेगा। इन 8 राशि वालों को धन हानि हो सकती है। काम बिगड़ सकते हैं। मानसिक और शारीरिक परेशानियां भी होने की आशंका है।
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