Friday, 6th June 2025

जशपुर / शराबियों ने खेत को बनाया मयखाना, 30 एकड़ में बर्बाद हो गई खेती की जमीन

Fri, Dec 20, 2019 9:41 PM

 

  • जशपुर और कुनकुरी में रोज शाम को लोग शराब पीने के बाद वहीं तोड़कर चले जाते हैं बोतलें
  • कांच के टुकड़ों और डिस्पोजल से खेत हो रहे बर्बाद, थाने में शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं 

 

जशपुरनगर. छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में किसानों की खेती शराब ने चौपट कर दी है। ऐसा नहीं है कि किसान शराब पी रहे हैं, लेकिन पियक्कड़ों ने किसानों के खेतों को बर्बाद कर दिया है। लोग खेतों में ही बैठकर शराब पीते हैं और फिर कांच की खाली बोतलें और डिस्पोजल तोड़कर चले जाते हैं। इसके चलते करीब 30 एकड़ जमीन खेती के लायक ही नहीं बची है। किसानोंे को कहना है कि वह खेती करना चाहते हैं, लेकिन सुबह सफाई के बाद अगले दिन फिर टूटी कांच की बोतलें बिखरी मिलती हैं। इसकी थाने में भी कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

सरकारी शराब के ठेके के पास का डेढ़ किमी का इलाका बर्बाद

  1.  

    शराबियों की वजह से जशपुर में लगभग 20 एकड़ और कुनकुरी में 10 एकड़ की खेत में फूटी बोतलों के कारण बर्बाद हो चुके हैं। जशपुर में डोंड़काचौरा मार्ग पर सरकारी शराब दुकान है। जिस स्थान पर शराब दुकान है उसके आसपास के डेढ़ से दो किमी तक के खेतों में शराब की बोतल फेंकी हुई मिलती है। किसानों की खेत में अब इतने ज्यादा कांच हो चुके हैं कि हटाने में ही महीनाभर लग जाएगा। अगर खेतों में बैठकर शराब पीना बंद हो जाए तो किसान अपनी खेत को साफ करने के लिए यह काम करने को तैयार हैं।

     

  2.  

    कुछ यही हाल कुनकुरी का भी है। कुनकुरी में गिनाबहार रोड में सरकारी शराब दुकान के आसपास ही खेतों में बैठकर लोग शराब पीते हैं। कुनकुरी के डैम जाने वाली सड़क से लेकर गिनाबहार पहुंचने तक की सड़क के आसपास में ऐसा कोई खेत नहीं है जहां शराब की बोतलें ना मिलती हो। शराब दुकान से आगे गिनाबहार रोड में एक पुल के नीचे शराब की हजारों बोतलें फेंकी गई है। यदि गलती से कोई पुल से नीचे गिरे तो उसकी हालत गंभीर हो सकती है। खेतों की सफाई कराने पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 

     

  3. नोटिस बोर्ड भी लगाया कोई असर नहीं 

     

    किसानों का कहना है कि खेत में कांच की बोतल फेंके जाने की शिकायत उन्होंने कई बार थाने में की पर कार्रवाई नहीं हुई। किसान खेत में पहरा भी देने लगे पर शराबियों के साथ किसानों की बहस हो जाती थी। किसान राजू राम ने बताया कि वे फिर से इसकी शिकायत लेकर थाने में जाएंगे। किसानों ने शराब दुकान के पास चेतावनी बोर्ड भी लगा रखा है। बावजूद इसके शराब पीने वाले लोग नहीं मानते और खेतों में ही बैठकर शराब पीते हैं। 

     

  4. शराब दुकान का कुनकुरी में हो चुका है विरोध 

     

    शराब दुकान खुलने से पहले ही गिनाबहार के ग्रामीणों ने इस स्थान पर शराब दुकान खोले जाने का विरोध किया था। इसे लेकर ग्रामीणों ने नगर में रैली भी निकाली थी। पर उस वक्त प्रशासन ने पुलिस बल का प्रयोग करते हुए ग्रामीणों के विरोध को दबा दिया और शराब दुकान खुलवादी। जिसका खामियाजा अब क्षेत्र के किसान भुगत रहे हैं। 

     

  5. रोज इकट्ठा हो रही एक पिकअप बोतल 

     

    खेतों में कितने बोतल खुलते हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जशपुर में शराब दुकान के आसपास से प्रतिदिन एक पिकअप बोतल इकट्ठा होती है। शराब दुकान के पास चखना दुकान चला रहे सुरेंद्र ने बताया कि मेरा खेत भी कांच के टुकड़ों के कारण बर्बाद हो गया, इसलिए उसने खेती छोड़कर चखना दुकान खोल ली। शराब की बोतलों को इकट्ठा करने का काम भी करते हैं। सुरेंद्र की मानें तो रोज खेतों से एक पिकअप कांच की बोतलें इकट्ठा हो जाती है। साथ ही पानी बॉटल व डिस्पोजल ग्लास भी भारी मात्रा मिलते हैं। 

     

  6. दुकान के कारण हम नुकसान उठा रहे हैं। 

     

     

    पूर्व में इस पर कार्रवाई की गई थी। पुलिस ऐसे लोगों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। शहर के शराब दुकान की ओर पुलिस की पेट्रोलिंग को बढ़ाई जाएगी और जो भी लोग खुलेआम शराब पीते पकड़े जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
    आरएस परिहार, एसडीओपी, जशपुर 

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