Wednesday, 11th June 2025

शीतकालीन सत्र / किसानों के मुद्दे पर सदन में हंगामा; कार्यवाही दो बार स्थगित, कमलनाथ बोले- सरकार चलाने और मुंह चलाने में फर्क होता है

Thu, Dec 19, 2019 11:24 PM

 

  • मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया 
  • कई बार आमने-सामने हुए पक्ष और विपक्ष, भाजपा ने सदन से वॉकआउट किया  
  • विधानसभा में तीसरे दिन फिर से एप्रेन पहन नारे लगाते विधानसभा पहुंचे भाजपा विधायक

 

भोपाल. विधानसभा में गुरुवार को किसानों से जुड़े मुद्दे अतिवृष्टि का मुआवजा और बोनस को लेकर सत्ता पक्ष कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के विधायकों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा विधायकों के हंगामे पर कहा कि सरकार चलाने और मुंह चलाने में फर्क होता है। इस पर भाजपा सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और सदन से वॉकआउट कर दिया।

प्रश्नकाल में विधायक देवेंद्र वर्मा ने राज्य में अतिवृष्टि और इसके कारण फसलों को क्षति पहुंचने का मामला उठाया था। अनुपूरक सवाल और जवाब के दौरान बहस गेहूं के बोनस पर आ गई। इस पर फिर से दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। स्पीकर एनपी प्रजापति ने पहली बार कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि इस साल मानसून सीजन में अतिवृष्टि के कारण किसानों की 41 जिलों में 65.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं। इसके लिए किसानों को करीब 1400 करोड़ का मुआवजा बांटा जा चुका है। 

कमलनाथ ने कहा कि सरकार चलाने और मुंह चलाने में फर्क रहता है। मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर विपक्षी सदस्य आक्रोशित हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव और वरिष्ठ विधायक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका प्रतिकार किया और कहा कि हमने 15 सालों तक सरकार चलाई। लेकिन अब सरकार नहीं, मुंह चल रहा है। इसके बाद मंत्री और कांग्रेस पक्ष के विधायक भी खड़े हो गए और हंगामा करने लगे। इसके बाद सदन में हंगामा खड़ा हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने किसी को टारगेट नहीं किया है। लेकिन यदि किसी को ऐसा लग रहा है, तो वे क्या कर सकते हैं।  

गेहूं पर बोनस मामले पर हंगामा 
सदन समवेत होने पर भाजपा सदस्यों ने फिर से गेहूं पर बोनस का मामला उठाया। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने बोनस पहले भी दिया था, जिस पर केंद्र सरकार ने फसल का कोटा 7 लाख टन कम कर दिया। यदि इस बार भी बोनस दिया जाए, तो पता नहीं केंद्र सरकार कितना कोटा कम कर दे। उन्होंने कहा कि राज्य के 29 में से 28 सांसद भाजपा के हैं और वे भी केंद्र सरकार से मदद दिलाने में कोई पहल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अफसोस जताया कि प्रदेश में पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि के कारण 8 हजार करोड़ रूपयों के नुकसान को लेकर प्रदेश के 28 भाजपा सांसदों में से एक ने भी इस मुद्दे को केन्द्र सरकार के समक्ष नहीं उठाया। 

स्पीकर ने विधायकों से शांत कराने की कोशिश की 
विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने विधायकों से शांत रहने का अनुरोध किया, लेकिन विधायक सुनने को तैयार नहीं हुए और हंगामा जारी रहा। सदस्यों की अनेक टिप्पणियों के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोबारा पांच मिनट के लिए स्थगित की। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हम वो पत्र भी मुहैया कराएंगे, जिसमें केंद्र सरकार ने हमारा कोटा कम करने की बात कही है।

भाजपा ने फिर से एप्रेन पहनकर किया प्रदर्शन 

इसके पहले शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भाजपा विधायक एप्रेन पहनकर मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे। सरकार के विरोध में एप्रेन पहने हुए थे। शिवराज सिंह ने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता एवं विभिन्न योजनाओं का लाभ न दिए जाने के विरोध में साथी विधायकों के साथ कमलनाथ सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया और युवाओं को उनका हक देने की मांग की। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की मांग, किसानों से सरकार ने वादाखिलाफी की।

सात दिन के सत्र में इस बार 2125 लिखित प्रश्न
सात दिन के विधानसभा सत्र में इस बार 2125 लिखित प्रश्नों के जरिए विभिन्‍न विधायकों द्वारा मुद्दे उठाए गए हैं। विधानसभा सचिवालय को अभी तक शासकीय विधेयकों की पांच सूचनाएं पहुंची हैं, जबकि 300 ध्यानाकर्षण, 20 स्थगन प्रस्ताव, 22 अशासकीय संकल्प, 93 शून्यकाल की सूचनाओं के माध्यम से भी प्रदेश के विभिन्न विषयों पर विधायक अपनी बात रखेंगे।

 
 

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