भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्रियों कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, अन्य दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके सम्मान में कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
शीतकालीन सत्र शुरू होने पर अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने दिवंगत नेताओं के निधन की विधिवत सूचना सदन को दी। प्रजापति ने गौर और जोशी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, एस जयपाल रेड्डी, डॉ. जगन्नाथ मिश्र और श्रीराम जेठमलानी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। सदन में देश के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टीएन शेषन, पूर्व विधायक लक्ष्मीनारायण नायक, मेहरबान सिंह रावत और राजबहादुर सिंह के निधन उल्लेख के साथ ही उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मुख्यमंत्री कमलनाथ, विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्र में योगदान का जिक्र किया। अंत में सदन में दो मिनट का मौन रखा गया और दिवंगतों के सम्मान में कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र शुरू होने से पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें सत्र में आने वाले शासकीय और अशासकीय विषयों के बारे में चर्चा होगी। सत्र में सरकार द्वारा 2019-20 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। बताया जाता है कि यह अभी तक का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट होगा, जो 23 हजार करोड़ रुप्ए का होने का अनुमान है।
सात दिन के सत्र में इस बार 2125 लिखित प्रश्न
सात दिन के विधानसभा सत्र में इस बार 2125 लिखित प्रश्नों के जरिए विभिन्न विधायकों द्वारा विभिन्न् मुद्दे उठाए गए हैं। विधानसभा सचिवालय को अभी तक शासकीय विधेयकों की पांच सूचनाएं पहुंची हैं, जबकि 300 ध्यानाकर्षण, 20 स्थगन प्रस्ताव, 22 अशासकीय संकल्प, 93 शून्यकाल की सूचनाओं के माध्यम से भी प्रदेश के विभिन्न् विषयों पर विधायक अपनी बात रखेंगे।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अतिथि विद्वानों का मामला उठा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया कि एक भी अतिथि विद्वान को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से कहा कि धरना स्थल पर जाकर अतिथि विद्वानों के मामले को शॉर्टआउट कर आंदोलन खत्म कराओ। बैठक के दौरान शीतकालीन सत्र के दौरान विधायकों को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 लाख किसानों का कर्जमाफ हो चुका है, 12.50 लाख किसानों की कर्जमाफी आज से शरू की जा रही है।
केंद्र ने संघीय व्यवस्था का पालन नहीं किया
कमलनाथ ने कहा- नागरिकता संशोधन बिल पर संघीय परंपरा का पालन नहीं किया गया। मोदी सरकार ने बहुमत के बल पर संशोधन बिल पास करवाया है। इससे देश की एकता और अखंडता को खतरा पैदा हो गया है। मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि वे सत्र के दौरान विपक्ष के गुमराह करने और झूठे आरोपों का पूरी ताकत से जवाब दें।
हर दिन पैदल मार्च कर पहुंचेंगे विधानसभा भाजपा विधायक
शून्यकाल में अधिकतर मामले उठाए जाएंगे
विधायकों से सदन में पूरे समय उपस्थित रहने को कहा गया। निर्णय लिया गया कि प्रश्नकाल व ध्यानाकर्षण को बाधित नहीं किया जाएगा। शून्यकाल में अधिकतर मामले उठाए जाएंगे। विधायक दल ने नागरिकता संशोधन कानून बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।
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