Thursday, 5th June 2025

रायपुर / एनआरसी लेकर आ रहे हैं काले अंग्रेज, जिस दिन आएगा उसी दिन से पूरे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन: मुख्यमंत्री बघेल

Wed, Dec 18, 2019 3:09 AM

 

  • छत्तीसगढ़ सरकार के एक साल पूरे हाेने पर कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे मुख्यमंत्री
  • कहा- केंद्र की भाजपा सरकार हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती, नागरिकता बिल लेकर आए, पूरा देश जल रहा है

 

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को सरकार के एक साल पूरे हाेने पर केंद्र सरकार पर हमलावर रहे। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएबी) लेकर आए। आज पूरा देश जल रहा है। उन्होंने कहा- अब काले अंग्रेज एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप) लेकर आ रहे हैं। जिस दिन ये आएगा, उसी दिन से पूरे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करेंगे। 


देश में भय का माहौल, इनका उद्देश्य समाज का ध्रुवीकरण कर सत्ता में बने रहो

  • प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि देश के सामने आज बहुत बड़ी चुनौती है। केंद्र की सरकार लोगों को भड़काने, लड़ाने, आग लगाने, काटने और भिड़ाने का काम कर रही है। छात्रों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। मारपीट की जा रही है, आगजनी हो रही है। देश में भय का माहौल है। 
  • इनका उद्देश्य समाज का ध्रुवीकरण कर सत्ता में बने रहने का है। पुलवामा के भरोसे भरोसे वैतरिणी पार हुई और सरकार में बन गए। सीएबी के कारण असम जल रहा है। उसका प्रभाव दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में फैला है। अमित शाह कह रहे हैं कि ये शुरुआत है, एनआरसी लागू करेंगे। एनआरसी में प्रमाणित करेंगे कि आप भारतीय हैं या नहीं।
  • सीएम ने कहा, जिनके पुरखे पढ़े-लिखे नहीं है, वह कैसे साबित करेंगे? लोगों के जिले बदले, प्रदेश बदले। उन्होंने झारखंड में भाजपा के मुख्यमंत्री रघुवर दास काे लेकर भी सवाल किया कि उनके पास गांव-घर-जमीन-खेत नहीं है। वे कैसे प्रमाणित करेंगे। 
  • मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि देश गांधी जी की 150वीं वर्षगांठ मना रहा है। उन्होंने  दक्षिण अफ्रीका में इसका विरोध किया था। एनआरसी लागू होगा तो सबसे पहला व्यक्ति मैं हूंगा तो दस्तखत नहीं करेगा और विरोध करेगा। पूरे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन उसी दिन से चालू करेंगे। 
  • असम में 19 लाख लोग हैं, जो एनआरसी में अपनी नागरिकता प्रमाणित नहीं कर पाए। उन सबको कहां भेजेंगे। अब बांग्लादेश सूची मांग रहा है अपने नागरिकों की तो क्यों नहीं दे रहे हैं। यह लोग यही सोचते हैं कि कैसे लड़ाएं, कैसे भिड़ाएं, बंदर के हाथ में उस्तरा जैसे होता है। 
  • केंद्र की भाजपा सरकार जो भी योजना लेकर आई सब फेल है। छह साल में सरकार में हैं। हिंदू समाज के लिए एक भी काम किया हो तो बताएं? कोई भी योजना लेकर आए हों तो बताएं? 

सविनय अवज्ञा आंदोलन?

ब्रिटिश हुकूमत के नमक अधिनियमों के अनुसार, भारतीयों का नमक एकत्र करने और बेचना प्रतिबंधित था। इसके विरोध में महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती से दांडी शहर तक मार्च किया। इसे ही दांडी मार्च या सविनय अवज्ञा आंदोलन कहा गया। 

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