Saturday, 24th May 2025

अमेरिका / रक्षा मंत्री एस्पर ने कहा- चीन के बढ़ते खतरे की वजह से हमारे और भारत के कूटनीतिक हित एक जैसे

Sat, Dec 14, 2019 8:05 PM

 

  • एस्पर ने कहा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी अवैध नौसैनिक गतिविधियों की वजह से चीन खतरा बन रहा है
  • अगले हफ्ते वॉशिंगटन में दोनों देशों के रक्षा-विदेश मंत्रियों की बैठक होगी, इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल पर चर्चा संभव

 

वॉशिंगटन. अमेरिका ने कहा है कि एशिया और पूरी दुनिया में चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत और उसके कूटनीतिक हित काफी हद तक एक जैसे हो गए हैं। रक्षा मंत्री माइक एस्पर ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देश (भारत और अमेरिका) खुला और आजाद हिंद-प्रशांत क्षेत्र चाहते हैं। हमारे इस प्रयास को दबाने की जितनी कोशिश की जा रही है, यह उतना ही मजबूती से उभर रहा है। एस्पर ने आगे यह भी कहा कि हम ऐसे समय में आ चुके हैं, जब ताकत को लेकर देशों के बीच मुकाबला चल रहे हैं। 

एस्पर ने काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन संस्था के कार्यक्रम में कहा, “अगले हफ्ते हम वॉशिंगटन में भारत के रक्षा-विदेश मंत्रियों की 2+2 समिट की मेजबानी करेंगे। यहां हम दोनों देशों के नेता अपनी बढ़ती साझेदारी पर बात करेंगे, क्योंकि हमारे कूटनीतिक हित काफी मिलते हैं।” 

‘चीन का छिपा मकसद अपनी सेना का प्रभाव बढ़ाना’
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, “चीन ने अपने वन बेल्ट वन रोड कार्यक्रम के जरिए एशिया, यूरोप और अफ्रीका में आर्थिक संबंधों को विस्तार किया है। लेकिन उसका असली मकसद इन जगहों पर चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) का प्रभाव और पहुंच बढ़ाना है। यह मकसद अब तक उजागर नहीं हुआ है।” 

एस्पर ने आरोप लगाया कि चीन बेशर्मी के साथ छोटे देशों को दबा रहा है और अपनी अवैध नौसैन्य गतिविधियों से पड़ोसी देशों की स्वायत्तता के लिए खतरा बन रहा है। इससे टकराव की स्थितियां पैदा हो रही हैं। यह अमेरिका के नजरिए के बिल्कुल विपरीत है। हमने हमेशा सभी देशों के लिए मौकों का सम्मान किया है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती साझेदारी पर विश्वास करते हैं और चीन के जवाब में खुद को साबित करने में जुटे हैं।

18 दिसंबर को रक्षा-विदेश मंत्रियों की 2+2 बैठक
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर 18 दिसंबर को वॉशिंगटन में अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक एस्पर और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के साथ बैठक करेंगे। इससे पहले एस्पर और राजनाथ के बीच पेंटागन में रक्षा मामलों पर बातचीत होगी। माना जा रहा है कि दोनों नेता हथियारों को लेकर कुछ समझौते कर सकते हैं।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery