नई दिल्ली. जीएसटी की दरें बढ़ाने की अटकलों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसी चर्चाएं उनके ऑफिस को छोड़ हर जगह हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने अभी तक इस बारे में सोचा नहीं। वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार के पिछले फैसलों की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फेंस की थी। सवाल-जवाब के दौरान उनसे जीएसटी के मुद्दे पूछा गया था। बता दें पिछले दिनों कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया कि सरकार जीएसटी के सबसे निचले स्लैब (5%) की दर को बढ़ा सकती है, कुछ नई वस्तुओं को भी जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है।
सरकार के फैसलों का असर दिखा, विदेशी निवेश बढ़ा: मुख्य आर्थिक सलाहकार
मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यन और राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने अर्थव्यवस्था को लेकर प्रजेंटेशन दिए। सुब्रमण्यन ने कहा कि निवेश बढ़ाने के सरकार के उपायों का असर दिखा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 35 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया। पिछले साल इसी अवधि में 31 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला था। यह अच्छा संकेत है कि विदेशी निवेशक भारत को अहम मान रहे हैं।
100 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर वालों के लिए ई-इनवॉइस जरूरी होगा
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि आयकर विभाग चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक 1.57 लाख करोड़ रुपए के टैक्स रिफंड जारी कर चुका था। बीते वित्त वर्ष (2018-19) में कुल 1.23 लाख करोड़ के रिफंड जारी हुए थे। रिफंड संख्या 17% बढ़कर 2.16 करोड़ पहुंच गई। राशि में रिफंड 27.2% बढ़ा है। पांडे ने बताया कि 100 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों को अगले वित्त वर्ष से ई-इनवॉइस जेनरेट करना जरूरी होगा। 500 करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वालों के लिए यह ऐच्छिक होगा।
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