नई दिल्ली. दिल्ली कोर्ट में बुधवार को निर्भया मामले के एकमात्र गवाह पर एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दायर की गई। दोषियों में से एक पवन कुमार के पिता हीरालाल गुप्ता ने यह याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि मामले के गवाह ने लाखों रुपए लेकर टीवी चैनलों को इंटरव्यू दिया। इससे मामले की सुनवाई प्रभावित हुई और मीडिया ट्रायल की स्थिति पैदा हुई। याचिका में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया गया। केस में पीड़िता का दोस्त ही एकमात्र गवाह है, जो घटना के समय बस में मौजूद था।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि गवाह ने कोर्ट में झूठी बातें कही। उस पर लगे आरोप साबित होने से स्पष्ट हो जाएगा कि गवाही वास्तव में झूठी थी। इसी झूठी गवाही के आधार पर आरोपियों को दाेषी ठहराया गया और फांसी की सजा सुनाई गई। गवाह पर एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस से शिकायत की गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसीलिए, कोर्ट पुलिस को गवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे।
निर्भया के माता-पिता ने जल्द फांसी की मांग की
निर्भया के माता-पिता ने भी कोर्ट में याचिका दाखिल कर दोषियों को जल्द फांसी देने की अपील की थी। इस दौरान कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों से चारों दोषियों को 13 दिसंबर से पहले पेश करने को कहा था। इसके बाद 29 अक्टूबर काे चारों दोषियों को हिंदी और अंग्रेजी में लिखित नाेटिस देकर रिसीविंग ली गई। जेल सूत्रों के मुताबिक, दोषियाें काे यह चिट्ठी पढ़वाई गई और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई।
दोषियों की सजा पर आगे क्या होगा?
दिल्ली सरकार ने सभी दोषियों की दया याचिका 4 दिसंबर को खारिज कर दी थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने दया याचिका राष्ट्रपति को भेज दी। अब राष्ट्रपति के फैसले पर सब-कुछ निर्भर है। अगर वे दया याचिका खारिज कर देंगे तो सभी दोषियों को फांसी दे दी जाएगी। 4 दोषियों में से एक अक्षय ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। एक अन्य दोषी विनय शर्मा ने अपनी दया याचिका वापस लेने की मांग की। उसने दावा किया था कि याचिका पर उसके हस्ताक्षर नहीं है।
16 दिसंबर,2012 को निर्भया की गैंगरेप के बाद हत्या
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया दुष्कर्म केस सामने आया था। 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में गैंगरेप हुआ था और दोषियों ने उसके साथ अमानवीय तरीके से मारपीट की थी। छात्रा ने 29 दिसंबर 2012 को दम तोड़ दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी की सजा सुनाई थी।
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