Tuesday, 3rd June 2025

वारदात / पहले चचेरे भाई को पीटा, फिर कुल्हाड़ी से वार कर दादी की हत्या की, बाद में किया आत्महत्या का प्रयास

Mon, Dec 9, 2019 7:32 PM

 

  • कोतरारोड के कोतरा गांव की घटना, भाई से विवाद होने पर उसे डंडे से पीटा, यह देखकर दादी ने डांटा था
  • खुद के हाथ की नस भी काटी, पुलिस ने किया गिरफ्तार, परिजन बोले- मानसिक संतुलन ठीक नहीं 

 

रायगढ़. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में रविवार को एक युवक ने मामूली विवाद में अपने चचेरे भाई काे डंडे से बुरी तरह पीटा। इस पर उसकी दादी ने डांटा तो गुस्से में आकर कुल्हाड़ी से वार कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद खुद के हाथों की नस काटकर आत्महत्या का प्रयास किया। सूचना पर पहंुची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं परिजनों का कहना है कि हत्यारोपी युवक का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। पूरी घटना कोतरा रोड थाना क्षेत्र के कोतरा गांव की है। 

चचेरे भाई को भी पीटकर अधमरा किया, अस्पताल में भर्ती

  1.  

    कोतरा गांव निवासी शौकी लाल महंत ने पुलिस को बताया कि वह जोगा पाली में परिवार के साथ रहता है। गांव में उसकी मां हेमवती (80) बड़े भाई अमृत दास के परिवार के साथ रहती थी। उन्हीं के साथ बड़े भाई नेहरू का पुत्र वीरू भी साथ में रहता है। रविवार दोपहर करीब 3 बजे अमृतदास के पुत्र कमल दास और वीरू के बीच कहासुनी को लेकर मारपीट हुई थी। जिस पर उसकी मां ने समझा कर मामला शांत करा दिया। दोपहर में मां हेमवती चारपाई पर लेटी थी और भतीजा वीरू घर के काम निपटा रहा था। 

     

  2.  

    इसी बीच कमल ने वीरू पर डंडे से कई वार कर उसे अधमरा कर दिया। साथ ही पास में चारपाई पर लेटी मां के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी। भाई को पीटने और दादी की हत्या करने के बाद कमल ने भी अपने बाएं हाथ की नस चाकू से काट ली। हत्या की जानकारी मिलते ही कोतरारोड पुलिस मौके पर पहुंच घायल वीरू को मेकाहारा में भर्ती कराया है। आरोपी को मौके से गिरफ्तार किया गया है। उसे सोमवार को रिमांड पर न्यायलय में पेश कर जेल भेजा जाएगा। 

     

  3. आया था मां से मिलने देखा तो लाश पड़ी थी 

     

    शौकीलाल ने बताया कि जोगा पाली में काम कर रहा था। दोपहर एक बजे के करीब उसका बहनोई विजय महंत आ गए और मां से मिलने चलने की बात कह दी। इस पर दोनों कोतरा गांव आ गए। जब वह घर पहुंचा तो देखा खून से लथपथ मां का शव पड़ा था। वारदात के समय घर पर अमृतदास भी नहीं था। अमृतदास मजदूरी के लिए गया था और घर पर सिर्फ बीरू, कमल और मां ही थे। अमृत दास ने बताया कि उसके पुत्र का मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता है। अक्सर वह बैठे-बैठे लोगों से नाराज हो जाता था। 

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