रायपुर. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 24 दिसंबर के बाद होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के करीबी भूपेंद्र यादव और यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। 24 दिसंबर को नगरीय निकाय चुनाव का परिणाम आएगा। इसके बाद कभी भी दोनों नेताओं का कार्यक्रम बनेगा। भाजपा की परंपरा के मुताबिक विक्रम उसेंडी को ही प्रदेश अध्यक्ष चुना जा सकता है।
संगठन चुनाव के लिए भाजपा ने जो कार्यक्रम तय किया है, उसके मुताबिक दिसंबर में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कराना है। इसके लिए आधे से ज्यादा जिले में चुनाव कराने की शर्त थी। अब तक 18 जिलों में चुनाव हो चुके हैं।
ऐसी स्थिति में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है। धरमलाल कौशिक के नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद उसेंडी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अभी वे कौशिक का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। उन्हें नया कार्यकाल दिया जाएगा। फिलहाल कांग्रेस में सीएम भूपेश बघेल ओबीसी हैं, जबकि आदिवासी वर्ग से पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम हैं।
इसी तरह नेता प्रतिपक्ष कौशिक ओबीसी हैं, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी वर्ग से होगा। यही वजह है कि फिलहाल कोई दावेदारी सामने नहीं आई है। अब राष्ट्रीय नेतृत्व की इच्छा पर ही कोई फेरबदल हो सकता है।
अब जिलों में चुनाव नहीं, होगा मनोनयन
रायपुर, रायपुर ग्रामीण, दुर्ग-भिलाई समेत 11 जिलों में जिलाध्यक्ष के चुनाव नहीं हुए हैं। इन जिलों में ज्यादा दावेदार होने के कारण विवाद की स्थिति बन रही थी। इस बीच नगरीय निकाय चुनाव की कवायद शुरू हो गई, इसलिए संगठन चुनाव स्थगित कर दिए गए। अब इन जिलों में चुनाव की प्रक्रिया नहीं अपनाई जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद जिलाध्यक्षों का मनोनयन किया जाएगा। जिलों के समीकरण को ध्यान में रखकर जो भी दावेदार हैं, उनमें एक के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। हालांकि इससे पहले प्रमुख नेता चर्चा करेंगे।
रमन तेलंगाना और सरोज नागालैंड की पर्यवेक्षक
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी संगठन की तरफ से पर्यवेक्षक बनाया गया है। रमन सिंह के साथ प्रभात झा तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष का चयन करेंगे, वहीं सांसद सरोज पांडेय नागालैंड की पर्यवेक्षक होंगी।
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