जगदलपुर. समर्थन मूल्य में शुरू होने वाली धान खरीदी को लेकर सरकार इस साल कुछ न कुछ नया कर रही है। सरकार की इस कोशिश का फायदा-नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। इस साल एक दिसंबर से शुरू होने वाली धान की खरीदी में सरकार ने इस साल तीन वैरायटियों की जगह धान की 6 वैरायटियों के धान की खरीदी कर रही है। इसमें मोटा,पतला, सरना, एचमएमटी, महामाया और आईआर 36 धान की किस्में शामिल हैं। पहली बार पतले धान को अलग-अलग वैरायटियों में की जाने वाली खरीदी के तहत बस्तर जिले के किसान अब तक मोटा और पतले धान को छोड़कर अन्य किसी वेरायटी के धान नहीं बेच सके है। जब इस मामले को लेकर समिति संचालकों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस साल सरकार ने धान खरीदी को लेकर अलग से नियम बना दिए हैं।
जगदलपुर लैप्स के मैनेजर दीनमणी जोशी ने बताया कि अब तक प्रदेश में तीन किस्मों का धान खरीदा जाता था । लेकिन इस साल सरकार ने सुगंधित और अन्य वैरायटियों को लेकर 6 प्रकार का धान खरीद रही है। उन्होंने कहा कि इस साल सुगंधित धान में आने वाला आई आर 36, एचएमटी और महामाया धान को मिलर्स को नहीं दिए जाने का निर्णय सरकार ने लिया है। यह धान मिलर्स के माध्यम से संग्रहण केंद्र तक भेजा जाएगा। जहां से इसे किसे दिया जाएगा इसको लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जोशी ने कहा कि जिले के हर खरीदी केंद्रों में सरकार के द्वारा दी गई गाइड लाइन के तहत खरीदी की जा रही है।
सुगंधित धान को अलग रैक में रखवाया जा रहा है।
गौरतलब है कि इस साल बस्तर जिले में दो हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में धान की खेती की गई है। जैसे- जैसे धान खरीदी की तारीख गुजर रही है वैसे- वैसे धान बेचने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है।
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