श्रीनगर. उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा के नजदीक मंगलवार को हुईं एवलांच (हिमस्खलन) की दो अलग-अलग घटनाओं में सेना के 4 जवान फंस गए। इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए खराब मौसम के बावजूद सेना बचाव अभियान चला रही है। कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में सेना की एक पोस्ट एवलांच की चपेट में आ गई थी। वहीं, दूसरी घटना बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में हुई। यहां पहाड़ से बर्फ दरककर जवानों पर गिरी। पिछले महीने सियाचिन में एवलांच की घटनाओं में 6 जवान शहीद हो चुके हैं। सर्दियों के मौसम में कश्मीर और लद्धाख में बर्फ दरकने का खतरा बना रहता है।
30 नवंबर को भी लद्दाख स्थित दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में 18 हजार फीट की ऊंचाई पर सेना का गश्ती दल हिमस्खलन की चपेट में आया था। रेस्क्यू टीम ने ज्यादातर जवानों को सुरक्षित निकाल लिया था, लेकिन इलाज के दौरान नायब सूबेदार सेवांग ग्यालशन और राइफलमैन पदम नोरगैस ने दम तोड़ दिया था। इससे पहले 19 नवंबर को उत्तरी सियाचिन ग्लेशियर के पास हिमस्खलन में 4 जवान शहीद हो गए थे। दो आम नागरिकों की भी जान गई थी। करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है, जो लद्दाख का हिस्सा है।
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