रायपुर. छत्तीसगढ़ के चर्चित अंतागढ़ टेपकांड मामले में मुख्य आरोपी और तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार वाॅयस सैंपल देने के लिए मंगलवार को एसआईटी ऑफिस पहुंचे। मंतूराम की आवाज का सैंपल लेकर लैब में भेजा जाएगा। यहां टेपकांड की रिकॉर्डिंग से मिलान होगा। इस संबंध में एसआईटी ने पूर्व विधायक मंतूराम को नोटिस जारी किया था। हालांकि मंतूराम ने पहले मना किया था, बाद में वे सैंपल के लिए तैयार हो गए। पुलिस के अनुसार उनके पास टेपकांड की सौदेबाजी का ऑडियो है। उससे आरोपियों के आवाज का मिलान करना है।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी और पूर्व सीएम के डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता पहले ही वाॅयस सैंपल देने से मना कर चुके हैं।
वकीलों के साथ एसआईटी कार्यालय पहुंचे पूर्व विधायक मंतूराम ने कहा कि एसआईटी के माध्यम से मेरे पास नोटिस आया था। मैं स्वयं की इच्छा से कानून का सहयोग कर रहा हूं। अंतागढ़ प्रकरण में मुझ पर बहुत सारे आरोप लगे हैं। मैं चाहता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो। मेरा तो मानना है कि इसमें जिस-जिस का नाम है, चाहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता हों या पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी। सारे लोगों को इसके निराकरण करने के लिए एसआईटी के सामने आकर सहयोग करना चाहिए।
रमन सिंह और अजीत जोगी सामने क्यों नहीं आ रहे
मंतूराम पवार ने कहा, मैं देख रहा हूं पिछले कुछ समय से मेरे पीछे ही रहने की कोशिश हो रही है। एसआईटी और न्यायालय को सहयोग नहीं किया जा रहा है। इसका मतलब दाल में काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है। इन पर मेरा आरोप है, कि इन लोगों ने मंतूराम पवार को नाम वापसी के लिए भी मजबूर किया। मैं भाजपा में चला गया, वहां भी डरा धमकाकर 5 साल तक डॉ. रमन सिंह ने रखा। आज खरीदी-बिक्री में भी मेरा डायरेक्ट आरोप है- रमन सिंह और अजीत जोगी की इसमें अहम भूमिका है। ऐसी स्थिति है तो इन लोग वॉयस सैंपल देने क्यों नहीं आ रहे हैं।
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