Wednesday, 11th June 2025

रेलवे / स्मार्ट स्टेशन से ट्रेन पकड़ने पर यूजर चार्ज वसूलने की तैयारी, उतरने पर आधा शुल्क लगेगा

Mon, Dec 2, 2019 6:52 PM

 

  • दोनों शुल्क टिकट में शामिल होंगे; राशि कितनी लगेगी, यह अभी तय नहीं किया गया है
  • 9 बड़े स्टेशनों से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट, बाद में 400 स्टेशन दायरे में आ सकते हैं

 

नई दिल्ली (शरद पाण्डेय). स्मार्ट बनाए जा रहे रेलवे स्टेशनों से ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों पर अब एक नया शुल्क लगाने की तैयारी है। रेलवे मंत्रालय का मानना है कि इस पैसे से स्टेशनों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर तैयार कर रही कंपनियों के खर्च की भरपाई हो सकेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह शुल्क देश के 9 बड़े स्टेशनों पर लगाया जाएगा। ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज ने इस संबंधी सुझाव मंत्रालय को दिए हैं। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश आंगड़ी ने बताया कि यह शुल्क स्टेशन के स्मार्ट होने के बाद वसूला जा सकता है, उससे पहले नहीं।


दरअसल, पीपीपी के तहत हबीबगंज और गांधीनगर स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। तय यह हुआ था कि डेवलपर स्टेशन के साथ ही वहां की प्राॅपर्टी भी विकसित करेगा और उससे आने वाले राजस्व से लागत निकालेगा। चूंकि, प्राॅपर्टी मार्केट में अभी ग्रोथ कम है, इसलिए डेवलपर अन्य स्टेशनों के लिए कम रुचि दिखा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज ने यूजर चार्ज का विकल्प निकाला है, ताकि कंपनियां आगे आ सकें।

इन स्टेशनों से शुरुआत
ड्राफ्ट के अनुसार, यूजर चार्ज की शुरुआत 9 स्टेशनों से होगी। इनमें ग्वालियर, सूरत, साबरमती, अमृतसर, नागपुर, देहरादून, पुड्डुचेरी, तिरुपति और वेल्लोर शामिल हैं। इस संबंध में गुरुवार को भी नीति आयोग में एक अहम बैठक हुई। पीपीपी मॉडल के तहत देशभर में 400 स्टेशन डेवलप किए जा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद अन्य स्मार्ट स्टेशनों पर यूजर चार्ज वसूला जाएगा।

यूजर चार्ज का तरीका
ट्रेन पकड़ते समय जितना चार्ज लगेगा, ट्रेन से उतरते समय उसका आधा शुल्क लगेगा। यानी अगर दोनों ही स्टेशन स्मार्ट होंगे तो यात्री को दो शुल्क चुकाने होंगे। शुल्क टिकट बुक करते समय ही ले लिया जाएगा। शुल्क कितना होगा, यह अभी तय नहीं है। आंगड़ी ने कहा कि स्टेशन डेवलप होने के बाद स्टडी होगी कि कितना शुल्क लगाया जाए।

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