ओरछा (रामेश्वर दुबे). ओरछा के श्रीरामराजा सरकार सजने-संवरने के बाद ठाट-बाट के साथ सिया जू से शादी करने के लिए बारात लेकर जनकपुर के लिए निकले। इससे पहले बुंदेली लोक रीति से दूल्हा निकासी किया गया।रविवार शाम 7 बजे बारात में हाथी, घोड़ा, ढोल नगाड़ा, बैंड बाजे और ध्वज पताका शामिल थे। ओरछा के लोगों ने घर-घर मंगल कलश सजाकर दूल्हा बने श्रीरामराजा सरकार का तिलक कर पुष्प वर्षा की। श्रीराम-जानकी विवाह कार्यक्रम में शामिल होने आए विदेशी सैलानियों ने कहा- अब तक हिंदू विवाह इंटरनेट पर देखा था। इस बार हिंदू विवाह के साथ बुंदेली परंपराएं भी साक्षात देखने को मिलीं।
श्रीरामराजा मंदिर के मुख्य द्वार पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह व एसपी मुकेश श्रीवास्तव की मौजूदगी में पुलिस जवानों ने दूल्हा बने सरकार की मंदिर से निकासी के मौके पर उन्हें सशस्त्र सलामी दी। इसके बाद बारात भारी सुरक्षा के बीच शहर भ्रमण के लिए निकली। मंदिर के प्रधान पुजारी रमाकांत शरण महाराज एवं पुरोहित वीरेंद्र कुमार बिदुआ ने वैदिक विधि से पूजन कर दूल्हा सरकार को उनके भाई लक्ष्मण सहित पालकी में विराजमान कराया। इसके बाद बारात हजारों रामभक्तों की भीड़ के साथ ढोल नगाड़े गाजे बाजों संग नगर के नजाई मोहल्ला, शास्त्री नगर, गणेश दरवाजा, झांसी रोड होकर रात 11 बजे मुख्य चौराहे पर स्थित जनक मंदिर पहुंची।
जनकपुरी मंदिर में बारात की आगवानी
जनकपुरी के पुजारी हरीश दुबे ने राजा जनक के रूप में रामराजा सरकार का तिलक कर बारात की अगवानी की। बारात के शहर भ्रमण के दौरान जगह-जगह महिला भक्तों द्वारा गाए जा रहे बुंदेली वैवाहिक गीत, हरे बांस मंडप छाए, सिया जू खा राम ब्याहन आए..., इन गलिन होकें ल्याइयौरी, रघुनाथ बना खों.....जैसे पारंपरिक गीतों को सुनाया। ओरछा में आने वाले विदेशी मेहमानों ने भी इन बुंदेली विवाह गीतों के खूब वीडियो बनाए और रामजी की बारात में झूमकर नाचे।
विदाई में बांस की डलिया भेजी गई
बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों से प्राचीन परंपरा अनुसार कीर्तन मंडलियां ओरछा पहुंचीं। सुबह मंदिर के चौक में राम कलेवा हुआ। बुंदेली रीति के अनुसार, लड़की की शादी में विदाई के समय कन्या पक्ष बांस की डलिया (इसमें बेसन और मैदा से बने हुए गुना गुजिया, पान, फूल, खांकड़ा भरे जाते) भेजी जाती है।
रामलीला का शानदार मंचन
श्रीरामराजा सरकार की बारात जनक मंदिर पहुंचने के बाद रस्में पूरी की गईं। रात में देश के नामचीन रामलीला कलाकारों द्वारा मंदिर में धनुष यज्ञ, पुष्प वाटिका, धनुष, भजन, लक्ष्मण, परशुराम संवाद और सीता स्वयंवर का शानदार मंचन किया गया।
विदेशी पर्यटक भी रामराजा के विवाह में झूम रहे हैं
पर्यटन नगरी ओरछा में आयोजित त्रि-दिवसीय श्री रामजानकी विवाह महोत्सव का विदेशी पर्यटक भी आनंद ले रहे हैं। बस्ती में बजते ढोल-नगाड़ों के साथ बुंदेलखंड के पारंपरिक विवाह गीतों पर विदेशी पर्यटक थिरक रहे हैं, तो कहीं पंक्ति में बैठकर बुंदेली व्यंजनों और लोक रीति-रिवाजों को देख रहे हैं।
बुंदेली परंपराएं मन को छूने वालीं
जर्मन निवासी सारा ने कहा- ओरछा में राम विवाह के समय मुझे इसे भी देखने का मौका मिला। हिंदू संस्कृति में बुंदेली परंपराएं और लोक नीतियां मन को छू लेने वाली हैं। राम विवाह के समय मुझे इन सब से रू-ब-रू होने का मौका मिला, इस बात की मुझे खुशी है। सारा अपने पति जैकप के साथ ओरछा घूमने आईं हैं। सारा ने बताया- मैंने इंटरनेट पर हिंदी रीति-रिवाज से शादी देखी और किताबों में पड़ी है, लेकिन आज ओरछा आकर बुंदेली विवाह रीतियां देखकर काफी अच्छा लगा।
पर्यटकों को भा रहे भारतीय व्यंजन
पर्यटन नगरी ओरछा के श्याम कॉलोनी में कुकिंग क्लास के माध्यम से विदेशी पर्यटकों को भारतीय व्यंजन बनाना रजनी चौहान सिखा रही हैं। उन्होंने बताया कि राम विवाह के दौरान कुकिंग क्लास में जर्मन, इटली, जापान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड की कई विदेशी महिलाओं ने बुंदेली व्यंजनों के बारे में पूछा और उन्हें बनाना भी सीखा। जिसमें शादी के अवसरों पर बुंदेली पंगतों में परोसे जाने वाले व्यंजनों में बरा, मंगोड़ा, कड़ी दाल चावल, बूरा चटनी को बनाने की विधि को खासकर सीखा गया।
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