Friday, 23rd May 2025

बीसीसीआई की बैठक / गांगुली का कार्यकाल बढ़ाने के लिए लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों में बदलाव को मंजूरी, सुप्रीम कोर्ट भेजा जाएगा प्रस्ताव

Sun, Dec 1, 2019 11:42 PM

 

  • सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड के प्रस्ताव को मंजूरी दी तो अगले साल जुलाई में खत्म हो रहा गांगुली का प्रस्ताव 2024 तक बढ़ाया जा सकता है
  • बोर्ड के मौजूदा संविधान के अनुसार 3-3 साल के दो कार्यकाल पूरा करने पर अधिकारी के लिए अनिवार्य ब्रेक लेना जरूरी
  • बीसीसीआई के सचिव जय शाह आईसीसी चीफ एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं

 

खेल डेस्क. बीसीसीआई की एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) रविवार को मुंबई में हुई। इसमें लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों में बदलाव को मंजूरी दे दी गई है। यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के कार्यकाल को बढ़ाया जा सके। प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट को भेजा जाएगा। इसे मंजूरी दी जाती है तो बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। सौरव को अक्टूबर में अध्यक्ष चुना गया था और उनका 9 महीने का कार्यकाल अगले साल जुलाई में खत्म हो रहा है। प्रस्ताव को मंजूरी के बाद उनका कार्यकाल 2024 तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं, बीसीसीआई के सचिव जय शाह आईसीसी चीफ एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

कुल 6 साल तक पद पर रह सकता है कोई अधिकारी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकृत संविधान के अनुसार अगर कोई पदाधिकारी बीसीसीआई या राज्य संघ में तीन साल के दो कार्यकाल पूरा कर लेता है, तो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) लेना होगा। गांगुली बंगाल क्रिकेट बोर्ड (सीएबी) के 5 साल 3 महीने तक अध्यक्ष रह चुके हैं। अक्टूबर में उन्हें बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुना गया। इस लिहाज से उनके पास 9 महीने का कार्यकाल ही बचा था। 

कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म हो सकता है
एजीएम में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों में सुधार कर कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म करने पर चर्चा हुई। पदाधिकारी चाहते हैं कि यह ब्रेक बोर्ड और राज्य संघ में दो कार्यकाल अलग-अलग पूरे करने पर हो। हालांकि, कूलिंग ऑफ पीरियड पर क्या फैसला हुआ... अभी यह साफ नहीं हो पाया है।

आईसीसी में रुतबा बढ़ाने के लिए 70 साल आयु सीमा का नियम खत्म हो
पिछले 3 साल में आईसीसी में बीसीसीआई का रुतबा काफी कम हुआ है। बोर्ड चाहता है कि 70 साल आयु सीमा का नियम लागू न हो। बोर्ड का मानना है कि आईसीसी में कोई अनुभवी व्यक्ति बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करेगा। इस स्थिति में पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के बीसीसीआई की ओर से आईसीसी बैठक में हिस्सा लेने का रास्ता साफ हो सकता है।

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