Friday, 13th June 2025

मप्र / बाजार से खाद गायब, प्रदेशभर में प्रदर्शन, चक्काजाम, कहीं पुलिस के साये में वितरण तो कहीं किसान ज्यादा पैसे देने को मजबूर

Sat, Nov 30, 2019 8:31 PM

 

  • कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि यूरिया की 17 रैक प्रदेश की ओर ट्रांजिट में हैं
  • मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों काे आश्वस्त किया है कि प्रदेश में यूरिया का कोई संकट नहीं है

भोपाल. रबी की बाेवनी के समय प्रदेश के कई जिलों में यूरिया की किल्लत हो गई है। इसे लेकर जगह-जगह किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य सरकार ने रबी सीजन के लिए 18 लाख मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड रखी है, लेकिन इसे पूरे सीजन के लिए घटाकर 15 लाख 40 हजार मीट्रिक टन तय कर दिया गया है। वहीं, अक्टूबर से नवंबर तक 8.75 लाख मीट्रिक टन की मांग के बावजूद 6.70 लाख मीट्रिक टन खाद की आपूर्ति ही की गई है।

कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि यूरिया की 17 रैक प्रदेश की ओर ट्रांजिट में हैं। इनसे अगले दो दिनों में सतना, सीधी, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, सिवनी, देवास, इंदाैर, धार, खरगोन, बड़वानी, उज्जैन, आगर, जबलपुर, डिंडाेरी, कटनी, मंडला, खंडवा, बुरहानपुर, होशंगाबाद, सीहोर, नरसिंहपुर, रायसेन, भोपाल, ग्वालियर तथा दतिया आदि 25 जिलों में आपूर्ति हो जाएगी।
 

सीएम बोले- किसान आश्वस्त रहें, यूरिया की कमी नहीं होने देंगे

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों काे आश्वस्त किया है कि प्रदेश में यूरिया का कोई संकट नहीं है। किसान चिंतित न हों। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि हम निरंतर केंद्र सरकार से यूरिया का कोटा बढ़ाने को लेकर संवाद व आग्रह कर रहे हैं। यूरिया की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। आपूर्ति के हिसाब से यूरिया का वितरण निरंतर किया जा रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले हमने अभी तक ज्यादा मात्रा में यूरिया की उपलब्धता बिक्री सुनिश्चित की है। पर्याप्त आपूर्ति व कालाबाजारी रोकने को लेकर पूर्व में ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

मप्र में यूरिया की कालाबाजारी शुरू : भार्गव
नेता प्रतिपक्ष गाेपाल भार्गव ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही यूरिया की कालाबाजारी शुरू हो गई है। किसानों को पुलिस के डंडे खाना पड़ रहे हैं। यूरिया के लिए झड़प की घटनाएं सामने आ रही है। 268 रुपए का यूरिया 350 से लेकर 500 रुपए प्रति कट्टा कालाबाजारी में बेचा जा रहा है।'    

अशोकनगर : अब तक 5 बार हंगामा-चक्काजाम

खाद को लेकर 5 बार किसान चक्काजाम कर चुके हैं। दुकानदार यूरिया के साथ सल्फर आदि जबरन दे रहे हैं। दो रैक की मांग की गई है। 1 एक रैक में 26 हजार मीट्रिक टन यूरिया आता है।

रायसेन : 5 बोरी यूरिया पर 2 बोरी डीएपी जरूरी

बेगमगंज व गैरतगंज में किसानों ने प्रदर्शन किए है। सोसायटियों और विपणन संघ गोदाम पर नकद में ही खाद लेना पड़ रहा है। यूरिया की पांच बोरी लेने पर दो बोरी डीएपी लेना अनिवार्य है। 

विदिशा  : पुलिस थानों से बांटा जा रहा यूरिया

हालात ऐसे हैं कि थानों से यूरिया बांटा जा रहा है, ताकि कानून- व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। गुरुवार को यूरिया को लेकर रामलीला-बरईपुरा रोड पर किसानों ने एक घंटे तक चक्काजाम किया।

ब्यावरा : 266 रु. की बोरी के देने पड़ रहे 400 रु.

कम आपूर्ति की वजह से किसानों को 266.50 रुपए की यूरिया की बोरी लेने के लिए बाजार में 400 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। जिले में 24 नवंबर के बाद से यूरिया नहीं आया है।

सीहोर में कालाबाजारी

यूरिया को लेकर शुक्रवार को तहसील चौराहा पर धरना दिया गया। इसमें खाद की कालाबाजारी पर रोष जताया गया।

गुना में जरूरत से आधा खाद

गेहूं का रकबा 8 हजार हेक्टेयर बढ़ने से यूरिया की मांग बढ़ गई है। खाद संकट को लेकर 27 नवंबर को मधुसूदनगढ़ में विरोध-प्रदर्शन हुआ।

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