मंदसौर. नपाध्यक्ष प्रहलाद बंधवार हत्याकांड मामले में सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार सहमति दे चुकी है। बावजूद 4 माह बाद भी प्रदेश सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। अब विधायक यशपालसिंह सिसाैदिया ने प्रदेश सरकार पर आराेपियाें के दबाव में काम करने और एसआईटी का गठन कर गुमराह करने का आरोप लगाया है। हालांकि मामले की गंभीरता को देख स्थानीय पुलिस ने जांच ओपन रखते हुए चालन पेश किया है। हालांकि पुलिस किसी भी नतीजे में नहीं पहुंच सकी है।
17 जनवरी को नपाध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की मनीष बैरागी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 19 जनवरी को पुलिस ने मनीष को गिरफ्तार किया।आरोपी ने 25 हजार रुपए के लिए नपाध्यक्ष बंधवार की हत्या करना स्वीकार किया। हालांकि यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। परिजन की मांग पर सीएम कमलनाथ ने एसआईटी का गठन किया। टीम ने मंदसौर पहुंचकर परिजन द्वारा लगाए आरोप के आधार पर जांच भी की लेकिन उसमें भी कुछ नहीं निकला। इस पर परिजन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की। केंद्र सरकार ने स्वीकार करते हुए 20 अगस्त को ही प्रदेश सरकार को आगे की कार्रवाई के लिए पत्र भेजा दिया। हालांकि अब तक मामले में प्रदेश सरकार द्वारा कोई पहल नहीं की गई है।
कानून के जानकारों के अनुसार तो कानून व्यवस्था की जवाबदारी प्रदेश सरकार की हाेती है। ऐसे में किसी भी मामले में सीबीआई जांच के लिए या तो पीड़ित पक्ष हाईकोर्ट में अपील करे और कोर्ट सीबीआई जांच के लिए निर्देश दे या फिर प्रदेश सरकार खुद सीबीआई जांच की मांग करे तो ही जांच संभव हो सकती है। यहां पीड़ित पक्ष द्वारा केंद्र सरकार से की गई मांग स्वीकार होने के बाद भी प्रदेश सरकार ने कोई पहल नहीं की है।
बदमाशों के दबाव में है सरकार
विधायक सिसौदिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार बदमाशों के दबाव में काम कर रही है। इसलिए सीएम कमलनाथ ने परिजन की मांग पर एसआईटी का गठन कर दिया। जबकि खुद पुलिस अधिकारी इस पक्ष में नहीं थे। वे खुद बोल चुके थे कि यदि एसआईटी जांच करती है तो केस पर असर होगा। ऐसी स्थिति में भी एसआईटी को गठन करना जनता को गुमराह करने जैसा है। नपाध्यक्ष की हत्या के मामले में पर्दे के पीछे के चेहरों को भी हर हाल में उजागर किया जाना चाहिए। इसके लिए प्रदेश सरकार को सीबीआई जांच की मांग करना ही चाहिए।
पिस्टल देने वाले आरोपी की भी हो चुकी है जमानत
बंधवार के बेटे नरेंद्र ने बताया मामले में खुद सीएम कमलनाथ ने सीबीआई जांच कराने का भरोसा दिया था लेकिन एेसा नहीं हुआ। हत्या के लिए आरोपी मनीष को पिस्टल देने वाले आरोपी अजय जाट की जमानत तक हो गई। इसी बात से साबित होता है कि पुलिस ने कितनी लापरवाही की है। मैं लगातार पुलिस अधिकारियों से केस से संबंधित जानकारी शेयर कर रहा हूं। शंका भी जाहिर की लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।
हत्या के मामले में पुलिस जांच कर रही है। फरियादी द्वारा बताए हर बिंदु पर बारीकी से जांच की जा रही है लेकिन हत्या से उसका अब तक नया सुराग हाथ नहीं लगा है। रहा सवाल अजय की जमानत का तो यह न्यायालय का निर्णय है।हितेश चौधरी, एसपी, मंदसौर
Comment Now