रायपुर . छत्तीसगढ़ सरकार किसानों से अब 25 सौ रुपए में नहीं बल्कि 1815 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ही धान खरीदेगी। दरअसल इस बार केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दर से ही खरीदी की जाएगी। शेष राशि का भुगतान किसानों को कैसे करना है, यह पांच मंत्रियों की कमेटी तय करेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में धान खरीदी पर स्थगन प्रस्ताव का जवाब देते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइज) पर ही खरीदी होती थी। बोनस बाद में दिया जाता था। सरकार किसानों से किया वादा हर हाल में निभाएगी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के साथ 16 विधायकों ने धान खरीदी पर स्थगन प्रस्ताव दिया था। हंगामे के बाद चर्चा के दौरान कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में न तो धान की समस्या है न तो किसान समस्या है, बल्कि कांग्रेस द्वारा बनाया गया घोषणापत्र सबसे बड़ी समस्या है।
उन्होंने कहा कि घोषणापत्र बनाते समय उन्होंने सोचा नहीं था कि सरकार आ जाएगी इसलिए जैसा चाहे वैसा घोषणापत्र बना दिया था। अब केन्द्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से 25 सौ रुपए में धान खरीदने का वादा किया, उसे हर हाल में पूरा करेंगे।
लेकिन केंद्र के नीतिगत फैसले में आ रही अड़चनों को देखते हुए अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाएगी, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा विरोध केंद्र सरकार से नहीं, बल्कि सरकार के उस सिस्टम से है, जिसमें 2 साल तक नियम को शिथिल किया था लेकिन अब उस नियम को शिथिल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या केवल सरकार बदलने से छत्तीसगढ़ के किसानों को सजा मिलेगी? हम केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं। प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा। राष्ट्रपति से भी मिलने का समय मांगा। केंद्रीय खाद्य मंत्री ने हमारी मांगों का समर्थन किया, लेकिन कहा कि निर्णय पीएमओ से होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रहे हैं। हम केंद्र सरकार से लड़ भी नहीं रहे। हम अपनी बात रख रहे हैं, विपक्ष की तरह चुप नहीं रह सकते।
भाजपा सांसदों को याद दिलाने घेराव
भाजपा सांसदों के निवास का घेराव के मामले में भाजपा विधायकों के सवाल पर सीएम बघेल ने कहा कि हम सांसदों का घेराव करना नहीं चाहते थे। हमने उन्हें याद दिलाने के लिए घेराव का कार्यक्रम बनाया था। इससे पहले हमने उनसे निवेदन किया था कि केंद्र सरकार से बात की जाए। धान के मसले पर हम राजनीति नहीं कर रहे, राजनीति तो बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार कर रही है।
बाद में बोले-किसानों को 2500 रुपए ही मिलेंगे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों की जेब में 2500 रुपए ही जाएंगे।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद भारत सरकार इस निर्णय पर अडिग है कि वह छत्तीसगढ़ के किसानों के धान को 2500 रुपए प्रति क्विंटल राशि दिए जाने पर राज्य सरकार को सहयोग नहीं करेगी और राज्य का चावल सेन्ट्रल पूल में नहीं लेगी। इसलिए केन्द्र सरकार के अहंकार को बनाए रखने एवं उसको प्रणाम करते हुए 1 दिसंबर से केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दर पर धान खरीदी की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2500 रुपए प्रति क्विंटल किसानों का हक है एवं इसे देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। भूपेश ने कहा कि निर्धारित समर्थन मूल्य कॉमन धान के लिए 1815 रुपए और ग्रेड-ए धान की 1835 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाएगी।
एथेनाल प्लांट में भी केन्द्र का अड़ंगा
सीएम ने कहा कि धान से एथेनाल बनाने के लिए प्लांट लगाए जाने पर भी केंद्र सरकार अड़ंगा लगा रही है। केंद्र सरकार मात्र एक साल के लिए अनुमति देने को तैयार है, जबकि करोड़ों रुपए खर्च करके जो भी प्लांट लगाएगा, उसे कम से कम 2 साल का समय मिलना चाहिए।
Comment Now