Sunday, 1st June 2025

छत्तीसगढ़ / पहली बार नोटा और त्रिकोणीय संघर्ष

Tue, Nov 26, 2019 7:00 PM

 

  • छत्तीसगढ़ के 151 नगरीय निकायों का चुनाव बैलेट पेपर से एक चरण में
  • निकाय चुनाव वोटिंग 21 दिसंबर को, नतीजे 24 को, पार्षद चुनेंगे महापौर और नपा अध्यक्ष

 

रायपुर . छत्तीसगढ़ में शहरी सत्ता के लिए एक ही चरण में 21 दिसंबर को चुनाव होगा, जबकि नतीजे 24 दिसंबर को आएंगे। ऐसा पहली बार है जब प्रदेश में शहरी सत्ता के लिए भाजपा, कांग्रेस व जोगी कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय संघर्ष होगा। इस बार वोटिंग बैलेट पेपर से होगी, जिसमें नोटा का भी विकल्प होगा।

इस बार पार्षद ही महापौर व नपा अध्यक्ष चुनेंगे। पहली बार नामांकन भरने के लिए ऑनलाइन सुविधा दी जा रही है। नामांकन 30 नवंबर से 6 दिसंबर तक भरे जा सकेंगे। बीरगांव के एक व भिलाई नगर निगम के दो वार्डों में पार्षदों के उप चुनाव भी होंगे। मतदान सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। चुनाव ऐलान के बाद आचार संहिता लागू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव आयुक्त ठाकुर रामसिंह ने सोमवार को चुनावों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बड़े प्रदेशों में एक चरण में चुनाव होते रहे हैं। 


छत्तीसगढ़ में आसानी से एक चरण में चुनाव कराए जा सकते हैं। वजह यह कि हमारे पास पर्याप्त संसाधन व सुविधाएं हैं। सुरक्षा के इंतजाम हैं। पार्षदों के चुनाव बाद महापौर का चयन करने प्रक्रिया शुरू होगी। ठाकुर ने स्पष्ट किया कि विधानसभा सत्र और चुनाव आयोग की प्रक्रिया के बीच कोई संवैधानिक अड़चन नहीं है। न ही 28 नवंबर को निकाय चुनाव को लेकर हाइकोर्ट में होने वाले फैसले से कोई लेना-देना है। आयोग और कोर्ट अलग-अलग संवैधानिक संस्थाएं हैं और वे अपना-अपना काम कर रहे हैं। 


तीन वार्डों में होंगे उप चुनाव : प्रदेश में कुल 168 निकाय हैं। इनमें से 151 में चुनाव कराए जा रहे हैं। इनके अलावा बीरगांव नगर निगम के वार्ड नंबर 27 और भिलाई नगर निगम के वार्ड नंबर 3 व 10 में पार्षद चुनने के लिए उप-चुनाव भी होंगे।


अॉनलाइन भरे जाएंगे नामांकन
नगरीय निकाय चुनाव में पहली बार प्रत्याशियों को ऑनलाइन फार्म भरने की सुविधा दी जा रही है। उम्मीदवार आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं। इसके साथ जरूरी डॉक्यूमेंट स्कैन करके अटैच करना जरूरी है। इसकी वजह से फार्म भरने के बाद प्रत्याशियों के दस्तावेज गायब होने की शिकायतें दूर होंगी। सिर्फ एक बार इन दस्तावेजों के सत्यापन के लिए उम्मीदवारों को कलेक्टोरेट में रिटर्निंग अफसर के समक्ष उपस्थित होना होगा। इस दौरान फार्म में कोई त्रुटि रह गई है तो भी उसे सुधारा जा सकता है। आयोग का दावा है कि ऑनलाइन फार्म भरने से पारदर्शिता आएगी। साथ ही प्रदेशभर के आंकड़े भी अपडेट होते रहेंगे। 

एक नजर में चुनाव कार्यक्रम 

  • 30 नवंबर: चुनाव अधिसूचना, नामांकन पत्रों का भरना प्रारंभ होगा
  • 6 दिसंबर: नामांकन की अंतिम तारीख
  • 9 दिसंबर: नाम वापसी की अंतिम तारीख, चुनाव चिन्हों का आबंटन।
  • 21 दिसंबर: मतदान। सुबह 8 से शाम 5 बजे तक। 
  • 24 दिसंबर: मतगणना

इतने में होंगे चुनाव 
नगर पालिका निगम     10
नगर पालिका परिषद     38 
नगर पंचायत     103
कुल वार्ड     2840

कुल वोटर : 39,82,601
 

  • 19,93,355 पुरुष वोटर 
  • 19,88,804 महिला वोटर

पिछली बार निगम में बीजेपी-कांग्रेस के पास बराबर थीं सीटें, इस बार जकांछ व आप भी

नगरीय निकाय चुनाव का ऐलान होते ही सियासी दलों के रणनीतिकार सक्रिय हो गए हैं। एक साल पहले विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ सत्ता में आने के बाद पहली बार कांग्रेस के नेतृत्व में लोकल बॉडी के चुनाव हो रहे हैं। विपक्ष में रहते हुए 2009 में 5 नगर निगमों में जीत हासिल करने वाली बीजेपी को 2014 में चार सीटों पर रोकते हुए कांग्रेस 4 सीट जीतने में सफल रही थी। दो निकायों में निर्दलीय जीते थे। हालांकि, निकाय चुनाव आंकड़ा फिलहाल कांग्रेस के पक्ष में है और विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की है।

इसके बावजूद कांग्रेस के सामने विधानसभा चुनाव के परफार्मेंस को दोहराने की चुनौती होगी क्योंकि विधानसभा के तत्काल बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जबर्दस्त वापसी करते हुए 11 में से 9 सीटें जीती थी। फिलहाल, राज्य के 6 नगर निगम, 20 नगर पालिका और 52 नगर पंचायतों में कांग्रेस काबिज है। विस चुनाव में बसपा गठबंधन के साथ 7 सीटें जीतने वाली जोगी कांग्रेस ने भी निकाय चुनाव में उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। इसके अलावा आप भी चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। हालांकि, अधिकांश स्थानों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। पर जोगी कांग्रेस और आप के कारण कई स्थानों पर मुकाबले के त्रिकोणीय होने के आसार हैं। 2014  के नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की सत्ताधारी भाजपा को करारा झटका देते हुए 10 में से 4 नगर- निगमों में जीत दर्ज की थी। दो निकायों में निर्दलीय जीते थे, जबकि भाजपा को 4 निगमों में जीत मिली थी। इससे पहले 2009 के चुनाव में बीजेपी 5 नगर निगमों में काबिज थी।


रायपुर में कांग्रेस तो दुर्ग में बीजेपी जीती
पिछली बार रायपुर शहर की चार में से तीन विधानसभाओं में भाजपा का कब्जा था, इसके बावजूद रायपुर नगर निगम में कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत मिली थी। दूसरी तरफ, दुर्ग में बीजेपी को जीत मिली थी। रायपुर के अलावा जगदलपुर, अंबिकापुर और कोरबा में कांग्रेस और दुर्ग, बिलासपुर, धमतरी ओर राजनांदगांव में बीजेपी को जीत मिली थी। रायगढ़ और चिरमिरी में दो निर्दलीय जीते थे। रायगढ़ नगर निगम में तो कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों को मुंह की खानी पड़ी। यहां निर्दलीय उम्मीदवार मधु किन्नर ने जीत हासिल की और वे राज्य की पहली थर्ड जेंडर महापौर बनीं।

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