बिलासपुर. यह तस्वीर उसलापुर फ्लाई ओवर की है। ओवर ब्रिज के बीचों बीच दो स्लैब के जोड़ का गैप लगातार बढ़ता जा रहा है। दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने इस गैप को अंगुलियों से नापा तो सात अंगुली का गैप पता चला। इससे पुल को भी खतरा हो गया है। पुल के निर्माण के दौरान से ही ड्राइंग डिजाइन गलत होने के कारण लागत बढ़ गई थी। अफसर इसके बाद भी पुल सही होने की बात कह रहे हैं।
उसलापुर ओवरब्रिज की गलत ड्राइंग डिजाइन का असर अब उभर कर सामने आ रहा है। इस ब्रिज में दो स्लैब के बीच गैप अधिक होने से ब्रिज के ऊपर से नीचे का नजारा साफ देखा जा सकता है। कुछ समय पहले तक यह गैप कम था लेकिन यह गैप अब लगातार बढ़ता जा रहा है। स्लैब के दोनों ओर लोहे की रेलिंग भी निकलती नजर आ रही है। ब्रिज के निचले हिस्से से भी बढ़ते हुए गैप का असर देखा जा सकता है।
गैप अधिक होने से किनारे बने फुटपाथ का डिवाइडर भी क्षतिग्रस्त हो गया है। पैदल चलने वालों का पैर भी इसमें फंस सकता है। वर्ष 2011 में उसलापुर ओवरब्रिज का निर्माण 8.24 करोड़ की लागत से किया गया था। इसके बाद गलत ड्राइंग व डिजाइन की वजह से दो पिलरों को बदला गया । इस वजह से इसकी राशि बढ़कर 10.30 करोड़ हो गई थी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पुल के एक ओर की रेलिंग निकली हुई नजर आ रही है। यदि दूसरी ओर भी यह रेलिंग निकली है तो मामला गड़बड़ है। यह भी देखना होगा कि दो स्लैब के बढ़ते गैप की वजह से इसका असर इसकी अगली स्लैब पर तो नहीं पड़ रहा है,यानि यह इसके शिफ्ट होने से वह अगली स्लैब से चिपक तो नहीं गई है।सुरेंद्र कुमार जैन, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, पीडब्लयूडी रायपुर
हमने चेक किया है जो आप दो स्लैब के बीच गैप का अंतर बता रहे हैं वैसा कुछ नहीं है। सब कुछ ठीक है।एचसी वर्मा, एसडीओ, सेतु विभाग, बिलासपुर
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