Thursday, 12th June 2025

सुप्रीम कोर्ट LIVE / अजित पवार की चिट्ठी में 54 विधायकों के दस्तखत थे, खुद को विधायक दल का नेता बताया था: सॉलिसिटर जनरल

Mon, Nov 25, 2019 6:04 PM

 

  • सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सुनवाई जारी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- राज्यपाल के पास फैसले की ओरिजिनल कॉपी मौजूद
  • ‘अजित ने राज्यपाल को दी चिट्ठी में खुद को विधायक दल का नेता बताया था, गवर्नर को पत्र की जांच कराने की जरूरत नहीं थी’
  • शनिवार सुबह 8 बजे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने शपथ ले ली थी, इसके खिलाफ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी

 

मुंबई. महाराष्ट्र में 3 दिनों से जारी राजनीतिक उठापठक के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में विपक्षी दलों (शिवसेना, राकांपा-कांग्रेस) की याचिका पर सुनवाई जारी है। शिवसेना की तरफ से कपिल सिब्बल, राकांपा-कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, महाराष्ट्र भाजपा और देवेंद्र फडणवीस की तरफ से मुकुल रोहतगी और सॉलिसिटर जनरल कोर्ट रूम में मौजूद हैं।

सॉलिसिटर जनरल केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए

  • केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने महाराष्ट्र गवर्नर और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पत्र सुप्रीम कोर्ट को सौंपा। 
  • सॉलिसिटर जनरल ने पूछा कि क्या अनुच्छेद 32 के तहत किसी याचिका में राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी जा सकती है? राज्यपाल ने 9 नवंबर तक इंतजार किया। 10 तारीख को शिवसेना से पूछा तो उसने सरकार बनाने से मना कर दिया। 11 नवंबर को राकांपा ने भी मना किया। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लगाया गया। 
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस की सरकार गठन के लिए बुलाए जाने की याचिका पर विचार नहीं कर रहा।
  • मेहता ने कहा कि उनके पास राज्यपाल के फैसले की ओरिजिनल कॉपी मौजूद है। मेहता ने अजित पवार की चिट्ठी बेंच को सौंपी। कहा- इसमें 54 हस्ताक्षर मौजूद हैं। 
  • तुषार मेहता ने कहा कि अजित पवार के गवर्नर को दिए पत्र में 54 विधायकों के हस्ताक्षर थे। अजित ने चिट्ठी में खुद को राकांपा विधायक दल का नेता बताया था। गवर्नर को खुद को मिले पत्र की जांच करने की जरूरत नहीं थी। देवेंद्र फडणवीस को सरकार गठन के लिए बुलाने का फैसला उन्होंने सामने रखे गए दस्तावेजों के आधार पर लिया। 

आज मीडिया के सामने आ सकते हैं अजित

इस बीच, उपमुख्यमंत्री अजित पवार के भी आज मीडिया के सामने आने की अटकले हैं। वह मीडिया के सामने आकर राकांपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं। उधर, रविवार को राकांपा विधायकों से मुलाकात के बाद सोमवार को उद्धव ठाकरे कांग्रेस विधायकों से मुलाकात कर सकते हैं। 

बयानबाजी और अपडेट्स...

  • राकांपा के 3 विधायक जो अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद से गायब थे, सोमवार सुबह मुंबई लौट आए। कहा जा रहा है कि वे गुड़गांव के होटल में रुके थे। इनमें विधायक दौलत दरौडा, नितिन पवार और अनिल पाटिल शामिल हैं। राकांपा की छात्र इकाई सोनिया दुहान का आरोप है कि विधायकों को होटल में बंधक बनाकर रखा गया था। वे एनसीपी यूथ कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ यहां पहुंची और उन्हें छुड़ाकर मुंबई भेजा। सोनिया के मुताबिक, हरियाणा के मुख्यमंत्री के पीए समेत 150 कार्यकर्ता इनकी सुरक्षा में तैनात थे।

  • शरद पवार सोमवार को महाराष्ट्र के कराड में पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा- पार्टी में कोई एक व्यक्ति तय चीजें नहीं करता, पूरी पार्टी तय करती है कि किसके साथ जाना है किसके साथ नहीं। कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा मिलकर सरकार बनाने वाली थी। अजित के फैसले से पार्टी का कोई कोई लेना-देना नहीं। उनसे कोई बातचीत नहीं हुई। हमें 5 साल सरकार चलानी थी। दो अलग-अलग विचारधाराओं की पार्टियों को एक साथ लाना था, इसलिए इतना समय लगा। जॉर्ज फर्नांडीस जैसे लोगों के साथ भी अटल जी ने सरकार बनाई, तब भी हमने देखा उस समय वाजपेयी साहब ने सबको इकट्ठा बैठाया। भाजपा के जितने भी विवादित इश्यू थे, उनको किनारे रखा और एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय करके सरकार चलाई।

  • राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा- गुड़गांव से राकांपा के 2 और विधायकों के लौटने के बाद हमारे साथ 52 विधायक हो गए हैं। एक संपर्क में है। अजित पवार ने गलती की, उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। राकांपा-कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन के पास 165 विधायकों का बहुमत है। देवेंद्र फडणवीस को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहिए, क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं है। अगर वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो हम उनकी सरकार को फ्लोर टेस्ट में हरा देंगे।

  • मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार शपथ लेने के बाद सोमवार को पहली बार आधिकारिक रूप से एक दूसरे के साथ मीटिंग करेंगे। इसमें बारिश से बर्बाद हुई फसलों पर किसानों को राहत देने के लिए उठाए जाने वाले कदम पर चर्चा होगी।

फैसले का इंतजार, फिर बैठकों की तैयारी
सूत्रों ने बताया कि तीनों प्रमुख दलों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। फैसले के बाद की स्थितियों पर तैयारी के लिए एक बार फिर शिवसेना, कांग्रेस-राकांपा नेता मीटिंग कर सकते हैं। माना जा रहा है कि राज्य में फ्लोर टेस्ट जल्द हो सकता है। इसलिए तीनों विपक्षी दलों ने अपने विधायकों को मुंबई से बाहर नहीं भेजा है। 

ट्विटर पर चाचा-भतीजे हुए आमने-सामने

रविवार को उपमुख्यमंत्री बनने के करीब 30 घंटे बाद अजित पवार ट्विटर पर सामने आए। एक के बाद एक ट्वीट कर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी समेत कई बड़े भाजपा नेताओं का शुक्रिया किया। अजित ने ट्विटर पर अपना स्टेटस चेंज करते हुए उपमुख्यमंत्री लिखा। अजीत ने एक ट्वीट में कहा- मैं राकांपा में ही रहूंगा और शरद पवार ही हमारे नेता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा-राकांपा गठबंधन महाराष्ट्र में स्थिर सरकार देगा। 

हालांकि, इस ट्वीट के ठीक बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार का एक ट्वीट आया। इसमें उन्होंने लिखा-भाजपा के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है। राकांपा ने एकमत से सरकार गठन के लिए शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन का फैसला लिया है। उन्होंने आगे कहा कि अजित पवार का बयान गलत है और लोगों को भ्रमित करने वाला है। वह लोगों के बीच गलत धारणा बनाना चाहते हैं।

जयंत की अपील-वापस लौट आएं
पवार के इस ट्वीट के तुरंत बाद राकांपा विधायक दल के नए नेता चुने गए जयंत पाटील ने भी ट्वीट कर अजित पवार से घर वापसी की अपील की। उन्होंने मराठी में ट्वीट किया, जिसका मतलब था- शरद पवार के फैसले का सम्मान करते हुए वापस आ जाएं।

हमारे पास 50 विधायकों का समर्थन: राकांपा
रविवार देर शाम राकांपा नेता नवाब मलिक ने दावा किया कि हमारे पास 50 विधायकों का समर्थन है। लेकिन 4 विधायकों को भाजपा के लोगों ने कहीं रखा हुआ है। वे चारों हमारे संपर्क में हैं और निश्चित ही हमारे पास लौट आएंगे। 

राकांपा विधायक दूसरे होटल में हुए शिफ्ट

अजित पवार के रुख को देखते हुए राकांपा ने अपने सभी विधायकों को होटल रेनेसां से हयात में शिफ्ट कर दिया। राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाण ने आरोप लगाया कि होटल में पुलिसवाले सादी वर्दी में घूम रहे हैं। उन्होंने ऐसे ही तीन पुलिसवालों को पकड़ा। उन्होंने संदेह जताया कि पुलिसवाले यहां होने वाली बातचीत भाजपा के नेताओं तक पहुंचा रहे हैं। कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण ने भी आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने हमारे विधायकों को तोड़ने के लिए होटलों में कमरे बुक करवा रखे हैं। लेकिन, हमारे विधायक एकजुट हैं।

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