Saturday, 13th September 2025

छत्तीसगढ़ / लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए गठित होगा राज्य लोक कला परिषद

Sat, Nov 23, 2019 6:24 PM

 

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघल ने परिषद गठन को दी मंजूरी, स्वायत्तशासी इकाई के रूप में करेगी कार्य 
  • छत्तीसगढ़ राज्य की पुरातात्विक और सांस्कृतिक स्थलों पर आयोजित होंगे वार्षिक महोत्सव 

 

रायपुर. छत्तीसगढ़ की गौरवशाली और समृद्ध लोक संस्कृति को सहेजने, लोक कलाकारों और मानस मंडली को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने शुक्रवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए राज्य लोक कला परिषद का गठन किया जाएगा। यह परिषद एक स्वायत्तशासी इकाई के रूप में कार्य करेगी। यह इकाई छत्तीसगढ़ राज्य की पुरातात्विक और सांस्कृतिक स्थलों पर वार्षिक महोत्सव का आयोजन भी करेगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए हैं। 

विकासखंड, जिला व राज्य स्तर पर करेगी आयोजन, लोक कला से जुड़े लोग होंगे परिषद के सदस्य 

  1.  

    राज्य लोक कला परिषद लोक कलाओं से संबंधित साहित्य को संकलित कर प्रकाशित करने का कार्य करेगी। साथ ही राज्य में कार्यरत सभी प्रकार की लोककला मंडलियों की सूची तैयार करने, मंडलियों को वाद्य यंत्र उपलब्ध कराने संबंधी कार्य करेगी। परिषद नियमित रूप से विकासखंड, जिला व राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धा का आयोजन, उत्कृष्ट कलाकारों को मानदेय उपलब्ध कराने संबंधी कार्य, लोक कलाओं के प्रशिक्षण हेतु संस्थानों की स्थापना करेगी। परिषद की प्रशासनिक व्यवस्था ऐसी रखी जाए कि लोक कला जगत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को इसमें शामिल किया जा सके।

     

  2. लोक कलाकारों को प्रोत्साहन देने की योजना होगी शुरू

     

    प्रदेश के लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य के लोक कलाकारों के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक पहचान बनती है और राज्य का सम्मान होता है। ऐसे कला साधकों को विभिन्न विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसका उनकी कला साधना पर भी बुरा असर पड़ता है। परंपरा के ऐसे संवाहक लोक कलाकारों के हितों की रक्षा और कल्याण की व्यवस्था करना आवश्यक है। इसके लिए जल्द ही राज्य में लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी।

     

  3. प्रदेश की मानस मंडलियों के प्रोत्साहन की बनेगी कार्ययोजना

     

    पारंपरिक मानस मंडलियों को भी सरकार प्रोत्साहित करेगी। प्रदेश की मानस मंडलियों के पंजीयन और उन्हें वाद्य यंत्र आदि के लिए अनुदान दिए जाएंगे। सरकार का मानना है कि संस्कृति के निर्माण में मानस मंडलियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इन मंडलियों के माध्यम से गीत संगीत की परंपरा का निर्वाह तो हुआ ही साथ ही आपसी सौहार्द, भाईचारा, नैतिकता और सदाचार विकसित करने में भी इनका योगदान रहता है। ग्रामीण जीवन के कई सामुदायिक कार्य और सार्वजनिक हित के निर्णय इन मंडलियों के माध्यम से सहज हो जाते हैं। 

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