हैदराबाद. केंद्र सरकार तथ्य छिपाने को लेकर बुधवार को टीआरएस विधायक रमेश चेन्नामनेई की नागरिकता रद्द कर दी। सूत्रों के मुताबिक, विधायक ने 10 साल की नागरिकता लेते वक्त मांगी गई जानकारियों को पूरा नहीं किया। सरकार ने यह फैसला नागरिकता कानून की धारा 10 के तहत लिया। चेन्नामनेई तेलंगाना की वेमुलवाड़ा सीट से 2009 से विधायक हैं।
भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है। अगर कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक नहीं है तो उसे चुनाव लड़ने और मतदान का अधिकार नहीं है।
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि चेन्नामनेई का भारतीय नागरिक बने रहना लोगों के हित में नहीं है। उन्होंने आवेदन करने के बाद एक साल विदेश में रहने की बात छिपाई है। विधायक के पास जर्मनी की नागरिकता भी है।
चेन्नामनेई ने नागरिकता रद्द करने के खिलाफ 2017 में तेलंगाना हाईकोर्ट का रुख किया था। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने उनके हक में फैसला दिया था, लेकिन गृह मंत्रालय ने इसे नहीं माना और फिर से मेरी नागरिकता रद्द कर दी। अब इसे बचाने के लिए हाईकोर्ट की शरण लूंगा। कोर्ट ने मुझे इसके लिए अनुमति दी थी।
चेन्नामनेई ने पहली बार 2009 में वेमुलवाड़ा सीट से चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेदेपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। तभी से उनकी नागरिकता पर फैसला लंबित था। फिर उन्होंने 2010 में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस के टिकट पर उपचुनाव जीता। चेन्नामनेई 2014 और 2018 में भी विधानसभा के लिए चुने गए थे।
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