Thursday, 12th June 2025

श्योपुर का बदहाल जिला अस्पताल / बेटी के ऑपरेशन के लिए 8 घंटे सरकारी अस्पताल में डॉक्टर का इंतजार करते रहे भाजपा विधायक

Wed, Nov 20, 2019 6:09 PM

 

  • निजी अस्पताल पहुंचे तो सामान्य प्रसव हुआ, जिला अस्पताल में कहा गया था- सामान्य प्रसव नहीं हो सकता

 

श्योपुर | सरकारी अस्पताल में आम आदमी के इलाज में लापरवाही की बात सामान्य है, लेकिन विधायक की गर्भवती बेटी के इलाज में ना-नुकूर करना चर्चा का विषय है। ताजा उदाहरण श्योपुर के जिला अस्पताल में देखने को मिला। 
सोमवार दोपहर करीब 2 बजे विजयपुर से भाजपा विधायक सीताराम आदिवासी अपनी बेटी के प्रसव के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। ड्यूटी स्टाफ ने बेटी की सोनोग्राफी रिपोर्ट देखने के बाद कह दिया, मामला गंभीर है ऑपरेशन करना पड़ेगा। साथ ही यह भी कह दिया कि डॉक्टर अभी नहीं है, शिविर में गए हैं।

देर शाम तक लौटेंगे। ऑपरेशन तभी संभव है। विधायक बेटी के साथ अस्पताल में 8 घंटे तक डाॅक्टर के आने का इंतजार करते रहे। जब कोई डाॅक्टर नहीं अाया ताे वे दर्द से कराहती बेटी को लेकर एक निजी अस्पताल में पहुंचे, जहां उसका सामान्य प्रसव हुआ। विधायक सीताराम ने बताया कि वे सोमवार दोपहर 2 बजे बेटी धोड़ा बाई को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल में उन्हें बताया गया था कि डॉ. बीएल यादव शिविर से लौटकर ऑपरेशन करेंगे। विधायक ने बताया कि मैंने रात 10 बजे तक डॉक्टर का इंतजार किया, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया। इसके बाद मैं जिला अस्पताल में ही रहे डॉ. महेश गुप्ता के निजी अस्पताल में पहुंचा, जहां उनकी बेटी का नॉर्मल प्रसव कराया गया।

विधायक बोले- बेटी तड़पती रही, डॉक्टर रात 11 बजे तक नहीं पहुंचे

विधायक सीताराम आदिवासी ने बताया कि सोनाग्राफी रिपोर्ट देखने के बाद बेटी को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। लेकिन ऑपरेशन करने वाले डॉ. बीएल यादव नहीं थे। डॉ. यादव से उन्होंने जब बात की तो डॉक्टर ने जवाब दिया कि वे शिविर से लौट रहे हैं और शाम 7 बजे तक पहुंच जाएंगे। जब डॉक्टर रात 11 बजे तक नहीं पहुंचे तो मैंने ड्यूटी डॉक्टर से कहा- बेटी को तकलीफ हो रही है, मैं अब यहां नहीं रुक सकता। इसके बाद मैं बेटी धोड़ा बाई को लेकर निजी अस्पताल चला गया। वहां डॉक्टरों ने सामान्य प्रसव कराया। मैं इस पूरे मामले को विधानसभा में उठाऊंगा।

सिविल सर्जन बोले- बिना बताए चले गए विधायक
सिविल सर्जन डॉ. आरबी गोयल का कहना है कि रात करीब 10:30 बजे विधायक सीताराम आदिवासी अपनी बेटी को बिना कुछ बताए ही अस्पताल से ले गए, जबकि उन्हें दिन में ही कहा गया था कि वे बेटी को रैफर कराकर ले जा सकते थे। 

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery