Thursday, 12th June 2025

संसद सत्र / विपक्ष अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी के मुद्दे उठाएगा, मोदी बोले- उत्तम चर्चा से लोकतंत्र मजबूत होगा

Mon, Nov 18, 2019 5:52 PM

 

  • संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा, लोकसभा की 20 बैठकें होंगी
  • नागरिकता संशोधन विधेयक पास कराना सरकार के लिए चुनौती, राम मंदिर ट्रस्ट विधेयक भी पेश होगा
  • सरकार की ओर से रविवार को बुलाई गई बैठक में 27 दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए
  • कांग्रेस की मांग- चिदंबरम को संसदीय कार्यवाही में शामिल होने की इजाजत दी जाए

 

नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों से उत्तम बहस और सहयोग की अपील की है। वहीं, विपक्ष अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात, बेरोजगारी, युवा और किसानों के मुद्दे, गांधी परिवार की सुरक्षा घटाने और फारूक अब्दुल्ला समेत अन्य कश्मीरी नेताओं की हिरासत के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। इस सत्र में लोकसभा की 20 बैठकें प्रस्तावित हैं। इसके साथ ही सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने, कॉमन सिविल कोड, नागरिकता संशोधन और ई सिगरेट विधेयक को भी पेश कर सकती है।

सत्र की शुरुआत से पहले मोदी ने कहा कि राज्यसभा का यह 250वां सत्र है। 26 तारीख को हमारा 70वां संविधान दिवस है। यह संविधान देश की एकता, अखंडता, भारत की विविधता, भारत के सौंदर्य को समेटे हुए है। देश के लिए यह एक ऊर्जा शक्ति है। सभी दलों और सांसदों के सहयोग से पिछला सत्र अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा था। आशा करता हूं कि यह सत्र देश की विकास यात्रा को और देश को गति देगा। उत्तम बहस जरूरी है। वाद-विवाद हो। हर कोई अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करे। उससे जो अमृत निकलता है वो देश के भविष्य के लिए काम करता है।

सरकार की ओर से रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें 27 दलों के नेता शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार नियमों के अनुसार सभी मुद्दों पर बहस को तैयार है। संसद में सकारात्मक चर्चा नौकरशाहों को सचेत रखती है। इससे पहले, शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बैठक में नेताओं को आश्वस्त किया कि सभी को बात रखने और उनके उठाए मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने की हरसंभव कोशिश की जाएगी।

चिदंबरम को संसदीय कार्यवाही में शामिल होने दिया जाए: कांग्रेस

  • कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- हम सदन में अपनी पार्टी के नेताओं से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का मुद्दा उठाएंगे। मोदी सरकार का गांधी परिवार समेत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा कम करना राजनीतिक बदले से प्रेरित है। केंद्र सरकार ने उन्हें सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला लिया था।
  • इसके अलावा कांग्रेस संसद में जम्मू-कश्मीर के हालात और नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला समेत अन्य नेताओं को हिरासत में रखे जाने को लेकर सरकार से जवाब मांगेगी। सभी नेता 5 अगस्त के बाद से ही नागरिक सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद हैं।
  • कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मांग की है कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को संसदीय कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी जाए। आजाद ने कहा- पहले भी सांसदों पर मामले लंबित होने के दौरान उन्हें संसद आने की इजाजत मिलती रही है। चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया घोटाले में फिलहाल तिहाड़ में बंद हैं।

शिवसेना अब विपक्ष में बैठेगी
महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने के मुद्दे पर शिवसेना एनडीए गठबंधन से अलग हो चुकी है। उसके इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। शीतकालीन सत्र से ही शिवसेना अब विपक्ष में बैठेगी। वह सत्र से पहले हुई एनडीए की बैठक में भी शामिल नहीं हुई। राज्यसभा में उसके सदस्यों संजय राउत और अनिल देसाई के लिए बैठने की व्यवस्था बदली गई है।

प्रमुख बिल- पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन, मेडिकल बिल
शीतकालीन सत्र में लोकसभा की 20 बैठकें प्रस्तावित हैं। इस सत्र में सरकार दोनों सदनों में कई अहम बिल पेश कर सकती है। इनमें राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने, कॉमन सिविल कोड, नागरिकता संशोधन, ई सिगरेट, चिट फंड संशोधन, मेडिसिन बिल, होम्योपैथी बिल, सरोगेसी बिल, डैम सेफ्टी बिल, नदियों के पानी बंटवारे का बिल, आर्म्स बिल, जुवेनाइल जस्टिस बिल, नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी बिल, डिजास्टर मैनेजमेंट बिल, पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, द मेडिकल टर्मिनेशनल ऑफ प्रेगनेंसी बिल, एयर क्राफ्ट बिल, इंडियन मेडिकल काउंसिल बिल प्रमुख हैं।

शीत सत्र: 43 बिल पेंडिंग, 12 मानसून सत्र के बिल
फिलहाल संसद में 43 बिल पेंडिंग हैं। 12 बिलों को सदन के ध्यानार्थ रखा जाना है। यह मानसून सत्र के पेंडिंग बिल हैं। 7 बिलों की लिस्टिंग विदड्राॅ करने के लिए हुई। 27 बिलों का इंट्रोडक्शन होना है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery