रायगढ़. सिंघल एनर्जी तराईमाल के भट्ठी (फर्नेस) में काम कर रहे क्रेन ऑपरेटर की बुधवार देर रात हादसे में मौत हो गई है। क्रेन ऑपरेटर भट्ठी में जमे स्लैग को तोड़ने की कोशिश कर रहा था। स्लैग तोड़ने के दौरान ही अंदर का हॉट मैटल निकलकर उस पर गिरा और बुरी तरह से झुलसने से उसकी मौत हो गई। घटना में दो अन्य मजदूर भी घायल हुए है।
जानकारी के अनुसार बरलिया चक्रधर नगर गेरवानी निवासी कृष्णा चौहान (22) तराईमाल स्थित सिंघल एनर्जी प्लांट में क्रेन ऑपरेटर था। बुधवार रात लगभग 10 बजे कंपनी में भट्ठी में स्लैग को तोड़कर गैस निकालने की कोशिश हो रही थी। मजदूरों (बारीमैन) से जब यह काम नहीं हुआ तो कृष्णा को क्रेन के माध्यम से भट्ठी में होल करने का कहा गया, ताकि गैस निकल सके। स्लैग को तोड़ने के लिए जैसे ही ऑपरेटर ने रॉड भट्ठी में डाली।
भट्ठी से 1700 डिग्री सेल्सियस का हॉट मैटल 25 मीटर ऊपर बैठे क्रेन ऑपरेटर पर जाकर गिरा, झुलसने से उसकी मौत हो गई। कुछ दूरी पर दूसरे भट्ठी में काम कर रहा मजदूर राजकुमार सारथी (19) ब्लास्टिंग की आवाज सुनकर 12 फीट से नीचे कूद। जिससे उसका भी पैर टूट गया। इसी तरह एक अन्य मजदूर राजू केरकेट्टा पर गर्म मैटल के छींटे पड़े। घटना के बाद प्लांट अफसरों ने एबुंलेंस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
लोहा बनाने के लिए रॉ मटेरियल स्क्रैप, स्पंज आयरन और पिग आयरन को एक निश्चित मात्रा में गरम करते हैं। हर तीन घंटे में भट्ठी में स्लैग बनता है। उसे खोलकर गैस रिलीज करने के लिए स्लैग तोड़ते हैं। मगर धीरे-धीरे ताकि ब्लास्ट ना हो। इस मामले में स्लैग तोड़ने में जल्दबाजी करने से गैस अचानक रिलीज हुई और सीधे 25 मीटर ऊपर बैठे क्रेन ऑपरेटर पर पिघला स्लैग गिर गया।
भट्ठी के रॉ मटेरियल के मिश्रण में गड़बड़ी हुई थी। इस कारण स्लैग ज्यादा बना। एक्सपर्ट के अनुसार स्पंज की क्वालिटी खराब रही होगी या प्रोडक्शन मैनेजर ने स्पंज आयरन को गलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पिग आयरन की मात्रा कम रखी होगी। दोनों ही स्थिति में स्लैग ज्यादा बनता है। इसी कारण ब्लास्ट हुआ।
हम केवल जांच कर सकते हैं
कंपनी में लापरवाही की जांच कर रहे हैं। जुर्माना करना है या कोई सजा देनी है यह कोर्ट डिसाइड करता है। हम जांच करते हैं। फैक्ट्री तय पैमानों पर सुरक्षा के लिहाज से काम करें।
मनींद्र श्रीवास्तव, उप संचालक
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