Saturday, 31st May 2025

बिलासपुर / चुचुहियापारा अंडरब्रिज हादसा : 5 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रहीं ट्रेन, फिर भी धंस रही मिट्‌टी

Fri, Nov 15, 2019 7:38 PM

 

  • खतरा अभी टला नहीं : मिडिल लाइन अत्यंत संवेदनशील, अधिकारियों को यात्रियों से ज्यादा आमदनी की फिक्र
  • मौके पर खड़े होकर गिन रहे पासिंग में कौन सी ट्रेन कितना समय ले रही, बोरियों में गिट्टी भरकर गड्ढों में डाला जा रही
  • देर रात तक रेलवे ट्रैक पर पलटी हुई क्रेन के आधे हिस्से को काटकर अलग किया गया, मार्ग अब भी बाधित
  • गीली मिट्‌टी पर क्रेन खड़ी कर चल रहा था रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण, संतुलन बिगड़ने से चालू लाइन पर गिरी थी

 

बिलासपुर. चुचुहियापारा अंडरब्रिज निर्माण के दौरान भारी भरकम क्रेन पलटने के बाद भी अफसरों को सुरक्षा की कोई फिक्र नहीं है। मिडिल लाइन अत्यंत ही संवेदनशील हो गई है। उस पर 5 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाई जा रही है फिर भी नीचे की तरफ से गड्ढा धंस रहा है। बावजूद इसके अफसरों को यात्रियों की जान से ज्यादा आमदनी की फिक्र है। मौके पर खड़े होकर यह पासिंग ट्रेन का समय गिन रहे हैं। निश्चित तौर पर यह हादसा कंस्ट्रक्शन कंपनी और रेलवे अफसरों की लापरवाही का ही नतीजा है। देर रात पलटी क्रेन के आधे हिस्से को काटकर अलग कर दिया गया। 

पता होने के बावजूद जल्दबाजी के चलते नजर अंदाज की गई सुरक्षा 

  1.  

    इंजीनियरिंग व संरक्षा विभाग के सभी बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में बुधवार को क्रेन पलटने की घटना हुई। इस मामले के लिए जिम्मेदारी भी इन्हीं अफसरों की बनती है क्योंकि उन्होंने संरक्षा और सुरक्षा काे नजरअंदाज कर गीली गड्ढे के बाद भी जल्दबाजी में काम को अंजाम देने की कोशिश की। कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से रोहित केडिया व उनके इंजीनियरों ने जैसा कहा वैसा रेलवे के अफसरों ने मान लिया। यह ठेका मधुसूदन अग्रवाल का है। बताया जा रहा है उन्होंने ठेका रोहित केडिया को काम सबलेट किया था। उसके कर्मचारी व इंजीनियर मौके पर खड़े रहकर काम को अंजाम दे रहे हैं।

     

  2.  

    इसके अलावा रेलवे के सीनियर अधिकारी और 100 से अधिक ठेकेदार के मजदूर मौके पर काम कर रहे थे। रेलवे अफसरों को हादसे से ज्यादा चिंता ट्रेनों के बंद होने की है। आनन-फानन में उन्होंने ट्रेन चालू करा दी लेकिन जिस गड्ढे में क्रेन फंसी है उस ओर उनका ध्यान नहीं गया। हादसा जिस गड्ढे में हुआ वह मिडिल लाइन के बिल्कुल नजदीक है। मिट्टी धंसने से वह लाइन के और नजदीक पहुंच गया है। बुधवार देर रात से डाउन व मिडिल लाइन पर ट्रेन चलाई जा रही है। सुबह होने पर अफसरों ने देखा कि मिट्टी धंसकर मिडिल लाइन के नीचे पहुंच गई है। 

     

  3. मिट्‌टी धंसी को नजर आया पुराना ट्रैक 

     

    मिडिल लाइन के ठीक नीचे से थोड़ी दूरी तक मिट्टी धंस गई है। इससे एक और बात अफसरों के सामने आई कि उसके नीचे वर्षों पुराने लगाए जाने वाले लोहे के स्लीपर व रेल लाइन है उसका कुछ हिस्सा दिखाई दे रहा है। 
    बोरियों में गिट्टी भरकर रखी गई : मिडिल लाइन से गुजरने वाली ट्रेन की स्पीड भले ही 5 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है लेकिन ट्रेन का दबाव और जमीन पर कंपन कम नहीं हो रहा है। धंस रही मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए बोरियों में गिट्टी भरकर गड्ढे की दीवार पर ऊंचाई तक उसे भर दिया गया ताकि मिट्टी न धंसे। 

     

  4. ट्रेनों की चाल के मिनट गिनते रहे कर्मचारी 

     

    बिलासपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से ट्रेन के छूटने के बाद और हादसा स्थल से आगे तक ट्रेन कितने मिनट में गुजर रही है। एक-एक मिनट की काउंटिंग ऑपरेटिंग विभाग के कर्मचारी करते रहे। इसकी दिन भर की पूरी टाइमिंग निकाली जा रही है। 
    इधर जोनल मुख्यालय में चलती रही बैठक : क्रेन पलटने के मामले को महाप्रबंधक गौतम बनर्जी ने गंभीरता से लिया है। गुरुवार को दिनभर उन्होंने इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ अफसरों की बैठक लेकर उनसे एक-एक जानकारी हासिल करते रहे। वे भी मामले की तह तक पहुंचना चाहते हैं कि आखिर हादसा क्यों और कैसे हुआ। 

     

  5. जोन के चार अफसर करेंगे जांच 

     

    चुचुहियापारा हादसे के लिए जोनल मुख्यालय ने चार सदस्यीय हाईपावर कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में सीई आरएंडडब्ल्यू, सीईई आरएसएंडजी, सीएसओ एके जैन एवं सीपीएम डीएसएल जयराम मांझी को शामिल किया गया है। कमेटी को टाइम लिमिट न देकर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने कहा है। 
    कल हो सकता है पूरा काम : चुचुहियापारा अंडरब्रिज में बाॅक्स अब तीन पटरियों के नीचे रखा जाना है। काम बंद है। रेलवे प्रशासन ने 16 नवंबर का दिन का ब्लॉक काम पूरा करने के लिए ले रखा है। ट्रेनें भी रद्द कर दी गईं हैं इसलिए रेलवे प्रशासन पूरी कोशिश करेगा कि 16 नवंबर को बाॅक्स रखने का काम पूरा हो जाए। 

     

  6.  

    अफसराें के मोबाइल बंद

    हादसे में घायल रेलवे के अफसरों से अपोलो हॉस्पिटल में चर्चा करने की कोशिश की गई लेकिन उनके पास जाने नहीं दिया गया। रेलवे के अधिकारी-कर्मचारियों को वहां पर तैनात कर दिया गया था जिन्होंने अफसरों से किसी को मिलने नहीं दिया। सभी का मोबाइल भी बंद है।

    हादसा स्थल से दुर्घटनाग्रस्त क्रेन को हटाने की कवायद शुरू कर दी गई है। क्रेन के हटने के बाद ही आगे के काम का फैसला लिया जाएगा। 

    साकेत रंजन, सीपीआरओ एसईसीआर बिलासपुर 

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