Friday, 13th June 2025

मध्यप्रदेश / 55 हजार कराेड़ की हीरा खदान के लिए अडाणी समेत पांच ग्रुप दौड़ में

Fri, Nov 15, 2019 7:32 PM

 

  • देश की सबसे बड़ी हीरा खदान की नीलामी प्रक्रिया शुरू

 

भोपाल. 55 हजार करोड़ रुपए कीमत वाली देश में सबसे बड़ी छतरपुर जिले की हीरा खदान की नीलामी प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई। खनिज विभाग ने इसके लिए निविदा जारी कर दी है, जिसमें पहले चरण की तकनीकी निविदाओं में भारत सरकार के उपक्रम नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन लि., एस्सेल माइनिंग, रूंगटा माइंस लि., अडाणी ग्रुप की चेंदीपदा कॉलरी और वेदांता कंपनी ने बिड जमा की है।

प्रत्येक समूह ने आवेदन में 56 करोड़ रु. सुरक्षा निधि भी जमा कराई है। इस खदान की लीज अवधि 30 साल की होगी। प्री-बिड में भोपाल के दिलीप बिल्डकॉन समूह ने भाग लिया था, लेकिन बाद में कंपनी हट गई। गौरतलब है कि नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदक कंपनी की नेटवर्थ कम से कम 1100 करोड़ रु. होना जरूरी है। 

अब आगे क्या : 27 नवंबर को तकनीकी बिड के मूल्याकंन का काम पूरा होगा। फिर 28 न वंबर को प्रारंभिक बिड खोली जाएंगी। अगले दिन से ऑनलाइन नीलामी की जाएगी। सरकार ने खदान की रॉयल्टी दर 12 फीसदी रखी है, जो 14 फीसदी भी की जा सकती है। इसमें प्रीमियम जोड़कर समूह आवेदन करेंगे। 
 

यहां 34.2 मिलियन कैरेट हीरा
छतरपुर जिले के बकस्वाहा की बंडर हीरा खदान 364 हेक्टेयर वनभूमि में है, जिसमें 34.2 मिलियन कैरेट हीरा होने की संभावना है। इसकी कीमत करीब 55 हजार करोड़ रु. है। 

हमेशा विवादों में रही यह खदान
बंडर खदान हमेशा से विवादों में रही है। खनिज विभाग ने खदान 2008 में ब्रिटेन और आॅस्ट्रेलिया की साझेदारी वाली रियो टिंटो कंपनी को लीज पर आवंटित की थी। रियो टिंटो ने खदान को लेकर छतरपुर में हुए प्रदर्शनों के चलते 2016 में खदान अधूरी छोड़ दी थी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मैग्नीफिसेंट एमपी में निवेशकों को हीरा खदान चलाने में कोई अड़चन नहीं आने का भरोसा दिलाया था। इसके चलते केवल एक महीने के भीतर 5 बड़े समूह खदान लेने आगे आए हैं।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery