Friday, 13th June 2025

दाइची सैंक्यो मामला / सुप्रीम कोर्ट ने मलविंदर और शिविंदर सिंह को अवमानना का दोषी ठहराया

Fri, Nov 15, 2019 7:09 PM

 

  • जापान की दवा कंपनी दाइची सैंक्यो ने याचिका दायर की थी
  • दाइची ने कहा था- कोर्ट की रोक के बावजूद शिविंदर-मलविंदर ने फोर्टिस हेल्थकेयर के शेयर बेचे
  • कोर्ट ने आईएचएच-फोर्टिस डील पर यथास्थिति का आदेश हटाने से भी इनकार किया, फोर्टिस हेल्थकेयर का शेयर 17% लुढ़का

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह (45) और शिविंदर सिंह (43) को अदालत की अवमानना का दोषी माना है। सजा पर फैसला बाद में दिया जाएगा। मलविंदर-शिविंदर के खिलाफ 3,500 करोड़ रुपए के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड मामले में लड़ रही जापान की दवा कंपनी दाइची सैंक्यो ने दोनों के खिलाफ मार्च में अवमानना याचिका भी दायर की थी। दाइची ने कहा था कि कोर्ट की रोक के बावजूद शिविंदर-मलविंदर ने फोर्टिस हेल्थकेयर के शेयर बेचे। दाइची सैंक्यो रैनबैक्सी डील विवाद में मलविंदर-शिविंदर से आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की मांग कर रही है।

शिविंदर-मलविंदर हाईकोर्ट में भी केस हार चुके

दाइची ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में कहा कि मलविंदर-शिविंदर ने रैनबैक्सी के बारे में रेग्युलेटरी खामियों जैसी अहम जानकारियां छिपाईं। इस दलील के साथ उसने सिंगापुर ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी। ट्रिब्यूनल ने 2016 में दाइची के पक्ष में फैसला देते हुए मलविंदर-शिविंदर को भुगतान के आदेश दिए थे। सिंह भाइयों ने इसे भारत और सिंगापुर की अदालतों में चुनौती दी, लेकिन राहत नहीं मिली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जनवरी 2018 में आर्बिट्रेशन अवॉर्ड का फैसला बरकरार रखा था।

मलविंदर और शिविंदर रेलिगेयर फिनवेस्ट (आरएफएल) कंपनी में 2397 घोटाले के आरोप में जेल में हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पिछले महीने उन्हें गिरफ्तार किया था। मलविंदर को गुरुवार को जेल में ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी गिरफ्तार कर लिया। रेलिगेयर फिनवेस्ट मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है। आरएफएल रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी है। मलविंदर और शिविंदर रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के भी पूर्व प्रमोटर हैं।

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