Friday, 13th June 2025

याचिका / पासपोर्ट में लिंग परिवर्तन का सवाल क्यों? हाईकोर्ट ने कहा- संविधान में भेद की इजाजत नहीं, केंद्र जवाब दे

Thu, Nov 14, 2019 7:15 PM

 

  • याचिकाकर्ता ने पासपोर्ट में पूछे गए लिंग परिवर्तन संबंधी सवाल को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिली निजी आजादी का उल्लंघन बताया
  • संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) किसी भी व्यक्ति को अपने लिंग का चुनाव करने और उसे जाहिर करने या न करने का अधिकार देता है

 

चेन्नई. मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को पासपोर्ट फार्म में लिंग परिवर्तन सर्जरी (एसआरएस) की जानकारी मांगे जाने पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। चेन्नई के सामाजिक कार्यकर्ता शिवकुमार ने पासपोर्ट में इस तरह की जानकारी मांगे जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने इसे संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन बताया था, जिसमें नागरिकों की निजी आजादी को संरक्षण दिया गया है।

शिवकुमार ने अदालत से अपील की थी कि पासपोर्ट आवेदन में एसआरएस सर्टिफिकेट मांगे जाने को अंसवैधानिक करार दिया जाए। इस पर जस्टिस एम सत्यनारायणन और जस्टिस एन शेषसाई की बेंच ने विदेश मंत्रालय के साथ, कानून और सामाजिक न्याय मंत्रालय को 12 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

लिंग परिवर्तन का सवाल निजी आजादी का उल्लंघन
शिवकुमार ने अपनी याचिका में कहा- पासपोर्ट कानून 1980 के नियम 39 के तहत, एक आवेदक से उस अस्पताल का सर्टिफिकेट मांगा गया, जहां लिंग परिवर्तन सर्जरी की गई थी। उन्होंने इसे गैर कानूनी और असंवैधानिक बताया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में ट्रांसजेंडरों के अधिकार संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया। इस फैसले में अदालत ने कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) किसी भी व्यक्ति को अपने लिंग का चुनाव करने और उसे जाहिर करने या न करने का अधिकार देता है।

ट्रांसजेंडर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया
ट्रांसजेंडर लोगों की परेशानी का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि लिंग परिवर्तन सर्जरी (एसआरएस) का प्रमाण पत्र मांगना गैर कानूनी है, लेकिन 2016 तक पासपोर्ट के लिए आवेदन करने पर उनसे मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के अलावा दुनिया भर में एसआरएस सर्टिफिकेट को गैर जरूरी और निजी आजादी का उल्लंघन माना जाता है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery