Thursday, 12th June 2025

होशंगाबाद / ग्रामीणों ने पुलिस पर बरसाए पत्थर, टीआई की सिर फूटा, दो दर्जन लोग घायल

Wed, Nov 13, 2019 11:04 PM

 

  • पिपरिया के नया गांव स्थित बनखेड़ी क्षेत्र के जंगल में आज ग्रामीणों और पुलिस के बीच टकराव हो गया
  • यहां जगल में लगे महुआ के पेड़ को लेकर यह भ्रांति है कि इसे छूने से बीमारियां दूर होती हैं, इस कारण यहां लग रही भीड़

 

होशंगाबाद। पिपरिया के नया गांव स्थित बनखेड़ी क्षेत्र के जंगल में आज ग्रामीणों और पुलिस के बीच टकराव हो गया। जमकर हुए पथराव में करीब दो दर्जन लोग घायल हुए हैं। इसमें करीब छह पुलिसकर्मी शामिल हैं। फिलहाल घटनास्थल पर तीन थानों की पुलिस को बुलाया गया है। स्थिति अभी भी तनावपूर्व बनी हुई है। टीआई के सिर में भी चोट आई है।

जानकारी के अनुसार करीब एक महीने से यहां जंगल में करीब 25 साल पुराने महुआ के पेड़ को लेकर अपवाह फैली हुई है। कहा जा रहा है कि इस महुआ के पेड़ को पांच रविवार या बुधवार को छुने से किसी भी असाध्य बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।

इसी अंधविश्वार के चलते आज बुधवार को जंगल में पेड़ को छुने जाने के लिए हजारों लोग पहुंचने लगे। पहले तो पुलिसकर्मियों ने लोगों को समझाने की कोशिश की। लोग नहीं माने तो थोड़ा बल प्रयोग किया। इसके बाद ग्रामीण भड़क गए और पुलिस पर पथराव कर दिया। आधा दर्जन पुलिस वाले घायल होने के साथ ही बनखेड़ी टीआई शंकर लाल झरिया के सिर में भी पत्थर लगा है। 


ये है मामला : दरअसल, करीब एक सप्ताह पहले ये अफवाह उड़ी की बनखेड़ी के जंगल में लगे महुआ के पेड़ को छुने मात्र से बड़ी से बड़ी बीमारियों से छुटकारा मिल रहा है। ये किसी दैवीय शक्ति का वास है। फिर क्या देखते ही देखते यहां लोगों का हुजूम उमड़ने लगा। तब से अब तक हजारों की संख्या में लोग सुबह से शाम तक यहां आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीते रविवार को ये संख्या करीब एक लाख तक पहुंच गई। जंगल में लोगों के इतनी बड़ी संख्या में जहां पेड़ों को नुकसान पहुंच रहा है। लेकिन लोगों की आस्था कम नहीं हो रही है। जंगल में ट्राफिक जाम के हालत बन रहे हैं। करीब 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी और इतने ही वनकर्मी पेड़ों की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाए गए हैं।  

ऐसे शुरू हुआ अंधविश्वास का खेल: बनखेड़ी क्षेत्र के नया गांव के रहने वाले रूप सिंह ने बताया कि करीब एक महीने पहले शारदीय नवरात्र के समय वो इस महुआ के पेड़ के नीचे से गुजर रहा था। इसी दौरान पेड़ ने उसे अपनी और खींच लिया। वो दस मिनट तक पेड़ से चिपका रहा। जब पेड़ ने उसे छोड़ा तो उसे समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ। लेकिन उसे इस दौरान जो शारीरिक परेशानी थी उसमें बहुत आराम हुआ। इसके बाद वो करीब पांच बुधवार और रविवार को आया। उसके बाद बिलकुल ठीक हो गया। कुछ दिन बाद उसने ये बात गांव वालों को बताई इसके बाद यहां लोगों का मजमा लगने लगा। 

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