Saturday, 14th June 2025

महाराष्ट्र / अगर शिवसेना ने सदन में भाजपा के खिलाफ वोट किया, तो उन्हें समर्थन देने के बारे में सोचेंगे: राकांपा

Sun, Nov 10, 2019 6:29 PM

 

  • राज्यपाल ने सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करते हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाया
  • राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा- राज्यपाल को भाजपा द्वारा की जा रही विधायकों की खरीद-फरोख्त पर ध्यान देना चाहिए

 

मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर खींचतान लगातार जारी है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भी सरकार बनाने के लिए शिवसेना के साथ आने के संकेत दिए हैं। राकांपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष नवाब मलिक ने कहा है अगर शिवसेना सदन में भाजपा के खिलाफ वोट करती है, तो हम उसे समर्थन देने के बारे में सोच सकते हैं। 

मलिक ने कहा, “अगर भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करती है, तो सदन में फ्लोर टेस्टिंग के दौरान राकांपा उनके खिलाफ वोट करेगी। हम देखेंगे कि शिवसेना भी सरकार गिराने के लिए भाजपा के खिलाफ वोट करती है या नहीं। इसके बाद हम शिवसेना के नेतृत्व में वैकल्पिक सरकार के समर्थन के बारे में सोचेंगे।”

‘राज्यपाल को सरकार बनाने में एहतियात बरतना चाहिए’

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में राकांपा नेता ने कहा, “राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाकर सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह पहले भी शुरू हो सकता है। राज्यपाल को अब एहतियात से काम लेना चाहिए, क्योंकि भाजपा के पास संतुलित सरकार बनाने के लिए विधायक नहीं हैं। उन्हें भाजपा द्वारा शुरू की गई खरीद-फरोख्त पर भी नजर रखनी चाहिए।” मलिक ने कहा कि पार्टी ने 12 नवंबर को राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए विधायकों की बैठक बुलाई है।  

शरद पवार ने सरकार में शामिल होने से इनकार किया था
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बीजेपी-शिवसेना राज्य में सरकार बनाएं। हमें जनता ने विपक्ष के लिए चुना है, हम विपक्ष में ही बैठेंगे। मेरे पास अभी कहने के लिए कुछ नहीं है। भाजपा-शिवसेना को लोगों का जनादेश मिला है, इसलिए उन्हें जल्द से जल्द सरकार बनानी चाहिए। हमारा जनादेश विपक्ष की भूमिका निभाना है। पवार ने कहा- अब केवल एक ही विकल्प है कि भाजपा और शिवसेना को मिलकर सरकार बनाना चाहिए।

राज्यपाल ने भाजपा से कहा- सरकार बनाना चाहते हैं तो सूचित करें

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को विधानसभा चुनावों में सबसे बड़े दल भाजपा से कहा है कि अगर सरकार बनाना चाहते हैं तो सूचित करें। महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के 15 दिन बाद तक सबसे बड़े दल या गठबंधन की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया है। भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस शनिवार को राज्यपाल से मिले थे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने शुक्रवार को राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था।

भाजपा के सत्ता बनाने के 4 समीकरण

1) भाजपा सदन में ध्वनिमत से बहुमत साबित करे
समीकरण: 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 105 विधायक हैं। बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा जरूरी है। अगर भाजपा 29 निर्दलीय विधायकों को अपने साथ कर लेती है, तो उसका संख्या बल 134 का हो जाता है। बहुमत परीक्षण के दौरान ध्वनिमत से भाजपा अपना बहुमत साबित कर सकती है। 2014 में भी देवेंद्र फडणवीस सरकार ने ध्वनिमत से ही बहुमत साबित किया था। बहुमत परीक्षण के समय तक भाजपा और शिवसेना साथ नहीं थे। सत्ता गठन के कुछ समय बाद दोनों दलों का गठबंधन हो गया था।

2) भाजपा अल्पमत की सरकार बनाए
अगर भाजपा 29 निर्दलीय विधायकों को अपने साथ कर लेती है, तो उसका संख्या बल 134 का हो जाता है। ऐसे में पार्टी बहुमत के आंकड़े से 11 सीट दूर रह जाएगी। इस स्थिति में फ्लोर टेस्ट के वक्त विधानसभा से दूसरी पार्टियों के 21 विधायक अनुपस्थित रहें तो भाजपा सदन में बहुमत साबित कर लेगी। 21 विधायकों की अनुपस्थिति की स्थिति में सदन की सदस्य संख्या 267 हो जाएगी और बहुमत का जरूरी आंकड़ा 134 का हो जाएगा। ये आंकड़ा भाजपा 29 निर्दलियों की मदद से जुटा सकती है।
संभावना: भाजपा कर्नाटक में भी इसी तरीके से सरकार का गठन कर चुकी है। हालांकि, वहां पर विधायकों ने इस्तीफे दिए थे। महाराष्ट्र में नई विधानसभा बनी है और ऐसी स्थिति में विधायकों के इस्तीफे की संभावना कम है।

3) शिवसेना के 45 विधायक भाजपा के साथ आ जाएं
भाजपा सांसद संजय काकड़े ने दावा किया था कि शिवसेना के 45 विधायक उनकी पार्टी को समर्थन देना चाहते हैं। ऐसे में 56 विधायकों वाली शिवसेना से 45 विधायक टूटते हैं तो यह संख्या दो-तिहाई से ज्यादा हो जाएगी और दल-बदल कानून लागू नहीं होगा। 105 विधायकों वाली भाजपा का संख्या बल इन विधायकों की मदद से 150 पहुंच जाएगा और वह सदन में बहुमत साबित कर देगी।
संभावना: शिवसेना ने इसी समीकरण की आशंका के चलते अपने सभी विधायकों को रिजॉर्ट में रोक रखा है।

4) भाजपा-शिवसेना में गतिरोध खत्म हो
भाजपा-शिवसेना के बीच गतिरोध दूर हो जाए। इस स्थिति में भाजपा (105) और शिवसेना (56) मिलकर आसानी से बहुमत के 145 के आंकड़े को पार कर लेंगे।

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