Friday, 30th May 2025

छत्तीसगढ़ / पट्टे के लिए बंट गए सैकड़ों परिवार, दिखाने के लिए रातों-रात अलग हो गए दरवाजे और चूल्हे

Thu, Nov 7, 2019 6:52 PM

 

  • शहर के स्लम एरिया में रहने वाले परिवारों को राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत दिए जाने हैं पट्टे

 

अंबिकापुर . शहर के स्लम इलाकों में सरकारी जमीन के पट्टे के चक्कर में सैकड़ों परिवार दिखावे के लिए बंट गए। माता-पिता के अलावा दाे-तीन बेटे जिस घर में साथ रहते थे, रातों-रात सभी के दरवाजे अलग हो गए। कई घरों में तीन-चार दरवाजे लग गए हैं ताकि अफसरों को दिखाया जा सके कि वे अलग रहते हैं।


यह स्थिति शहर के सभी झुग्गी इलाकों में हैं। शहर के 48 वार्डों में 19 नोटिफाइड जबकि 10 नॉन नोटिफाइड स्लम एरिया हैं। निगम के रिकार्ड में इन क्षेत्रों में 2891 परिवार हैं जबकि प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में 52 सौ से अधिक परिवार के पट्टे के लिए नाम हैं। कई परिवारों से माता-पिता के अलावा बेटों ने पट्टे के लिए अलग-अलग दावा किया है। राजीव आश्रय योजना के तहत स्लम इलाकों में भूमिहीन और निर्धन परिवारों को पट्टे दिए जाने हैं।

प्रशासन ने इसके लिए सर्वे कराया है। सर्वे में ऐसे परिवारों की सूची तैयार की गई है। भास्कर ने स्लम इलाकों में इसकी पड़ताल की पता चला कि पट्टे के लिए कई वर्षों से एक घर में एक साथ रह रहे परिवार अलग हो गए हैं। घर एक ही लेकिन दरवाजे सभी के अलग-अलग हो गए हैं। दिखावे के लिए चूल्हे भी अलग जल रहे हैं। एक परिवार को सात सौ स्क्वायर फीट तक ही पट्टा दिया जाना है। 

पट्‌टे के जरिए वोटरों को साधने सर्वे में घर-घर पहुंच रहे पार्षद के दावेदार

जहां-जहां सर्वे के लिए टीम घूम रही है वहां के पार्षद के दावेदार भी सर्वे दल के साथ सक्रिय दिख रहे हैं। वोटरों को यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे पट्टा दिलाने के लिए सक्रिय हैं। भास्कर को स्लम एरिया में सर्वे के दौरान कई दावेदार तो नाप जोख में लगे कर्मचारियों के सहयोग करते दिखे। दावेदार सभी का आश्वासन दे रहे हैं कि उन्हें पट्टा मिल जाएगा। शहर के सत्ती पारा स्लम एरिया में सबसे अधिक 475 बीपीएल परिवार हैं।

17 साल बाद स्लम एरिया मिलेगा पट्‌टा

राजीव आश्रय योजना के तहत 17 साल बाद शहर में इस दायरे में आने वाले परिवारों को पट्टा बांटा जाएगा। इससे पहले 1984,1988 व 2002 में सैकड़ों परिवारों को पट्टा दिया गया था। 17 साल बाद इन क्षेत्रों में सैकड़ों परिवार और बढ़ गए।

ये नोटिफाइड स्लम इलाके तय किए

खालपारा, केनाबांध, उरांवपारा, दर्रीपारा, मनीपुर, नवापारा, जनपदपारा, धोबीपारा, जोड़ तालाब,  सत्तीपारा, भाटापारा, खरसिया नाका, ठंगनपारा, बंगालीपारा, कौंआडांड, जनपदपारा, हरसागर तालाब, इमलीपारा इलाके हैं। इन क्षेत्रों में 2481 परिवार हैं।

नगर निगम क्षेत्र में ये हैं दस नॉन नोटिफाइड स्लम एरिया
घुटरापारा, खटिकपारा, नमना, झंझटपारा, फुंदुरडिहारी, इंद्रनगर, पटपरिया, चेऊरपारा, हुंडरलता नॉन नोटिफाइड स्लम एरिया में शामिल हैं। 2 हजार से अधिक आबादी वाले इन क्षेत्रों में 410 परिवार हैं।

रिकार्ड

निगम के रिकार्ड में स्लम में 2891 परिवार रहते हैं

आवेदन

सरकारी जमीन पट्‌टे के लिए 5200 लोगों ने किया आवेदन

क्योंकि

सब लोग अपने लिए अलग-अलग घर बनाना चाहते हैं

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery