Saturday, 14th June 2025

अयोध्या केस / मोदी का मंत्रियों को निर्देश- गैरजरूरी बयान न दें; फैसले से पहले संघ लेफ्ट समेत कई पार्टियों से मिलेगा

Thu, Nov 7, 2019 6:36 PM

 

  • अयोध्या मामले में 17 नवंबर से पहले कभी भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की संभावना
  • संघ ने तय किया- फैसला आने से पहले लेफ्ट पार्टियों, सपा, तृणमूल और राजद नेताओं से मुलाकात करेगा
  • संघ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा- 400-500 साल पुराना विवाद निपटने में अब कुछ ही दिन बाकी

 

नई दिल्ली. अयोध्या मामले में 17 नवंबर से पहले कभी भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की संभावना है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मंत्रियों के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री ने अपने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में गैरजरूरी या विवादास्पद बयान न दें। उन्होंने यह भी कहा है कि मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र जाएं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करें।

वहीं, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने तय किया है कि वह अयोध्या फैसले से पहले लेफ्ट पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, सपा और राजद समेत अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करेगा। इसके अलावा संघ मुस्लिम सांसदों-विधायकों से भी चर्चा करेगा। 5 नवंबर को भी संघ और भाजपा नेताओं ने कई मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की थी।

‘फैसले को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए’
आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि अयोध्या में 400-500 साल पुराना विवाद अब निपटने में कुछ ही दिन और घंटे बाकी हैं। जो भी फैसला आएगा, वह किसी की न तो जीत होगी और न ही किसी की हार। इसे धर्म से भी जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

मन की बात में भी मोदी ने अयोध्या केस का जिक्र किया था

मोदी ने 27 अक्टूबर को रेडियो कार्यक्रम मन की बात में भी अयोध्या मसले का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि अयोध्या मसले पर 2010 में तनाव पैदा करने की कोशिश की गई थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद देश का मूड बदल गया। स्थिति सामान्य करने में राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों ने भी अहम भूमिका निभाई।

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