बिलासपुर. अमृत मिशन की टंकी निर्माण के लिए अरपा नदी में बन गए गड्ढे ने एक मासूम बालक की जान ले ली। दो दिन से मोहल्ले में पानी नहीं आने के कारण बच्चा अपने दोस्तों के साथ नदी में नहाने गया था तभी यह हादसा हो गया। बच्चे की मौत होने की जानकारी जैसे ही स्थानीय निवासियाें को लगी तो उन्होंने शव को रखकर पुराना सरकंडा पुल को जमा कर दिया। नगर निगम अधिकारियों पर हादसे का दोष लगाते हुए नदी में बन चुके गड्ढों को बंद करने की मांग की जिससे फिर कोई हादसा न हो। हादसा सोमवार को सरकंडा पुलिस थाना क्षेत्र के पुराना पुल के पास हुआ।
शिवशक्ति काली घाट ईरानी चौक मेलापारा निवासी अनुराग साहू (8) पिता महेश साहू अपने दोस्त सोम राजपूत और मोनू साहू के साथ घर से कुछ दूर स्थित अरपा नदी में नहाने के लिए गया था। नहाने के दौरान वह नदी में बन चुके करीब 6 से 7 फीट गहरे गड्डे में फंस गया। जब कुछ देर तक बाहर नहीं निकला तो बच्चों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। शोर सुनते ही कुछ दूरी पर नहा रहे अनुराग के चाचा छोटू साहू वहां पहुंचे और तलाश कर उसे बाहर निकाला। पेट के अंदर भर चुके पानी काे बाहर निकालने की कोशिश की। होश नहीं आने पर उसे लेकर सिम्स पहुंचे जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
अनुराग साहू की माैत के बाद स्थानीय लोगों ने पुराना पुल पर चक्काजाम कर दिया और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करने लगे। सड़क जाम होने और लोगों के हंगामा किए जाने की खबर मिलने पर तहसीलदार नारायण गवेल व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। यहां चक्काजाम करने वालों से बात की। आर्थिक सहायता के तौर पर 10 हजार रुपए दिए और 4 लाख रुपए और देने का भी आश्वासन दिया। प्रशासन और पुलिस अधिकारियों का ध्यान सिर्फ इस तरफ था कि जल्द चक्काजाम व प्रदर्शन खत्म हो जाए। जबकि परिजन बच्चे का शव लेकर करीब एक किमी पैदल ही सिम्स तक पहुंचे।
चक्काजाम की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचा था। लोगों की मांग थी कि घटना स्थल का निरीक्षण किया जाए। इसलिए जैसे ही चक्काजाम खतम हुआ तो मैं तुरंत घटना स्थल का निरीक्षण करने चला गया था। एम्बुलेंस क्यों नहीं ली या मिली मेरी जानकारी में नहीं है।
नारायण गवेल, अतिरिक्त तहसीलदार
परिजन अपनी मर्जी से शव को लेकर पैदल गए। उनका कहना था कि अस्पताल पास में ही है इसलिए हम चले जाएंगे। इसलिए हमने भी कुछ नहीं कहा।
विनोद शर्मा, एसआई व थाना प्रभारी, सरकंडा
जीवनरेखा अरपा में रेत माफियाओं ने दिन रात इतने गड्ढे खोदे कि उसमें बच्चों के डूबने की लगातार घटनाएं घट रही हैं। मंगला से लेकर दोमुंहानी तक अरपा में इतनी ज्यादा रेत खुदाई चल रही है कि नदी बंजर जमीन में तब्दील हो गई है। चांटीडीह के आठ वर्षीय अनुराग साहू की सोमवार को जिस जगह मौत हुई, उसके ठीक दूसरी ओर आर्य समाज मंदिर से मेलापारा जाने के लिए नदी पर बनाए गए रास्ते के बाजू में खोदे गए गड्ढे में 25 जुलाई 2019 को चंदनबाड़ा निवासी रमेश श्रीवास्तव के 10 वर्षीय कुश की मौत हो गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नदी में गहरा गड्ढा रेत खोदने के कारण हुआ था।
2016 में शनिचरी रपटा के पास अरपा में डूबने से एक युवती की मौत हो गई। अप्रैल 2016 में अशोक नगर के पास मनीराम सूर्यवंशी का 5 वर्षीय बेटा आदित्य मुरुम खदान में डूबकर मर गया। जुलाई 2012 में खमतराई से बहतराई जाने वाले रास्ते पर मुरुम खुदाई से हुए गड्ढे में गिरने से भुरू साहू के 3 वर्षीय पुत्र सन्नी की मौत हो गई। इसके बावजूद जिला प्रशासन और खनिज िवभाग के अफसरों ने अवैध उत्खनन में लिप्त लोगों की कारगुजारियां बंद नहीं कराई। आरोप है कि ये खेल माफिया और अफसरों की मिलीभगत से चल रहा है।
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