लंदन. ब्रिटेन की 18 महिला सांसदों ने अगले महीने होने वाले आम चुनावों में खड़े न होने का फैसला किया है। इन सांसदों ने अपने क्षेत्र के मतदाताओं को पत्र लिखकर कहा कि अपनी सीट छोड़ने का निर्णय उन्होंने लंबे समय से जारी दुर्व्यवहार और धमकियों की वजह से लिया। ब्रिटेन की सत्तासीन कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद हीदी एलन के मुताबिक, यह दुर्व्यवहार पूरी तरह से अमानवीय बन चुका है। इसलिए आम चुनाव में हिस्सा नहीं लूंगी।
एलन ने कहा, “मैं अपनी निजता में किसी के दखल, दुर्भावना और धमकियों से तंग आ चुकी हूं। यह आम जीवन का हिस्सा बन चुका है। किसी को भी अपने काम में धमकियों, डराने वाले ईमेल, अपशब्द का सामना नहीं करना चाहिए। न ही घर पर उन्हें किसी चीज से घबराना चाहिए।”
ब्रिटेन में अब तक करीब 50 सांसद चुनाव से दूर रहने का फैसला कर चुके हैं। अमेरिकी अखबार ‘द टाइम्स’ के मुताबिक, इन 18 महिला सांसदों के चुनाव न लड़ने के फैसले पर महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई है।
एलन के अलावा कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद कैरोलीन स्पेलमैन ने ‘द टाइम्स ऑफ लंदन’ अखबार के ओपिनियन कॉलम में लिखा, “महिला सांसदों के साथ ऑनलाइन दुर्व्यवहार में लिंगभेदी बातें तक इस्तेमाल की जाती हैं। इनमें हमें दुष्कर्म की धमकियां भी मिलती हैं। इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इतनी सारी महिला सांसदों ने एक साथ चुनाव न लड़ने का फैसला कर लिया।”
इसी साल सितंबर में संसद में ब्रेग्जिट डील पर बहस के दौरान महिला सांसद पाउला शेरिफ ने आरोप लगाया था कि सोशल मीडिया पर बोरिस जॉनसन के बयानों का इस्तेमाल ट्रोल के लिए होता है। इस पर जॉनसन ने महिला सांसद पर चिल्लाते हुए कहा था कि मैंने अपने जीवन में ऐसी ‘बकवास’ कभी नहीं सुनी। इस बयान के बाद ब्रिटेन में उनका काफी विरोध हुआ। हालांकि, जॉनसन ने सफाई में कहा था कि उनकी बात को गलत समझा गया।
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