Friday, 30th May 2025

छत्तीसगढ़ / रेत तस्करों ने महानदी की छाती पर बना दिया आधा किमी का कच्चा पुल

Mon, Nov 4, 2019 9:33 PM

 

  • नदी के बीच में ही अवैध रूप से दिनदहाड़े जारी है अवैध खनन, जहां पर लगाई रोक, वहीं पर सबसे ज्यादा उत्खनन
  • खनिज विभाग के अफसर बोल रहे: महानदी उनके क्षेत्र में नहीं, पुलिस: हमारे पास पर्याप्त बल नहीं, 24 घंटे नजर नहीं रख सकते

 

रायगढ़. महानदी से हर रोज माफिया सैकड़ों टन रेत चोरी कर रहा है। इनके हौसले इतने बुलंद है कि वे नदी के बीच में जाकर खुदाई को अंजाम दे रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने महानदी की छाती पर आधा किमी का कच्चा पुल बांध दिया है और उसे दिनदहाड़े डंपर और ट्रकों से रेत निकाल रहा है। जिम्मेदार खनिज विभाग के अफसर छोटी-मोटी कार्रवाई करके ही अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। भास्कर ने महानदी में रेत तस्करों के चोरी की पड़ताल की तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। नदी में खुलेआम रेत की अवैध खुदाई जारी है। 

एक घंटे में यहां से लगभग 20 डंपर पार 

  1.  

    भास्कर टीम शनिवार को सरिया के लिए निकली। सरिया से ठीक पहले महानदी पर छत्तीसगढ़ के सबसे लंबे पुल सूरजगपढ़-सेतू के पास नदीगांव में डंपरों को रेत लेकर जाते देखा। पीछा किया तो पता चला कि सूरजगढ़ पुल के पास नियमित खदान है, जिसपर फिलहाल उत्खनन पर रोक लगा रखी है। बावजूद यहां धड़ल्ले से रेत की खुदाई जारी है। नियमत: ग्राम पंचायत का कोई सदस्य होना चाहिए था, मगर कोई नहीं मिला। ड्राइवरों से पता चला कि वे रायगढ़ शहर के हर हिस्से में यही से बालू सप्लाई कर रहे हैं। हर एक घंटे में यहां से लगभग 20 डंपर रेत भरकर जिले के विभिन्न हिस्सों में रवाना हो रहे हैं। 

     

  2. नदीगांव से बड़गांव तक तस्कर एक्टिव, टोल नाकों से ही पार हो रहे डंपर 

     

    स्थानीय लोगों से हुई बातचीत में पता चला कि महानदी के छोर पर बसे नदीगांव से बड़गांव तक का हिस्सा रेत से भरा हुआ है। रेत तस्कर लंबे समय से इस गांव में एक्टिव है। नदी के 20 किलोमीटर हिस्से में भरपूर रेत है। सूरजगढ़ पुल के टोल नाके पर हर रोज लगभग 20 से 25 डंपर पार होते है। सरिया की ओर रेत लेकर जाने वाले डंपर यहां से पहले पर्ची कटाते है। इसके बाद सीधे डेस्टिनेशन की ओर बढ़ते है। खनिज विभाग चाहे तो यहां से पूरी तरह से रेत की तस्करी रुक सकती है। मगर अधिकारियों की कमजोर इच्छा शक्ति नदियों के समाप्त होने का कारण बन रही हैं। 

     

  3. 150 से 200 रुपए में ट्राली भर देते हैं ग्रामीण 

     

    पिहरा में हमारी टीम लगभग दोपहर 1 बजे से 3.30 बजे तक रही। इस बीच कई ट्रैक्टर आए और नदी से रेत लेकर चले गए। यहां नवागांव निवासी कुछ ग्रामीण हमेशा उपलब्ध रहते हैं जो मात्र 150-200 रुपए लेकर ट्रैक्टर का पूरा ट्राला भर देते हैं। उल्लेखनीय है कि यह वही जगह है जहां एक दिन पहले ही यहां सरिया पुलिस ने कार्रवाई की थी पर उसका असर दूसरे दिन यहां नजर नहीं आया। 

     

  4. सीधी बात :महानदी हमारे क्षेत्र में आती ही नहीं है 

     

    सवाल एन एल सोनकर, खनिज विभाग उप संचालक 
    जिले में लगातार नदियों से रेत का अवैध उत्खनन कर तस्करी की जा रही है। इसपर कोई रोक क्यों नहीं है?  कहां हो रही बताइए तो। हमें पता नहीं चल रहा। 
    सूरजगढ़पुल के पास इसके अलावा सरिया के पिहरा गांव के पास अवैध उत्खनन चल रहा है?  महानदी हमारे इलाके में नहीं है। आप बताइए कौन सा तहसील में आता है। 
    बरमकेला तहसील आपका ही क्षेत्र है। आपने पहले कार्रवाई भी की है?  अच्छा ठीक है। मैं दिखवाता हूं। बाकी कार्रवाई होते रहती है। 
    कार्रवाई का डर तस्करों में नहीं है तो क्या तस्करी इसी तरह से जारी रहेगी? 

    नहीं, ऐसा नहीं है। मैं कर्मचारी भेजकर दिखवाता हूं। 

     

  5. सीधी बात : सुबह तक तो ऐसा कुछ नहीं था 

     

    सवाल जिंतेंद्र सोमवंशी, थाना प्रभारी सरिया (प्रशिक्षु डीएसपी) 
    आपने जिस जगह पर कार्रवाई की। वहां दोबारा फिर से तस्कर एक्टिव हो गए हैं। नदियों से रेत की तस्करी की जा रही है?  सुबह तक तो ऐसा कुछ नहीं था। हमारी टीम को मौके पर मैने भेजा था। आप कब थे। 
    दोपहर 1 से 3 तक लगातार ट्रैक्टर से रेत निकालकर स्थानीय तस्कर लेकर जा रहे थे?  सुबह 10 बजे तक हम थे। कोई दिखा नहीं इसलिए हमारा बल आ गया। वैसे भी हमारे पास बल कम है। इसलिए पूरे दिन रेत तस्करों के पीछे तो नहीं लगा सकते। 
    तो रेत तस्कर इसी तरह जारी रहेगी?  ऐसा नहीं है। आप पता बताइए हम तुरंत जाकर कार्रवाई करेंगे। 

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