खंडवा. आखिरकार 13 साल बाद सोमवार को ओंकारेश्वर बांध अपनी पूरी क्षमता 196.6 मीटर तक भर जाएगा। रविवार को बांध का जलस्तर 196.36 मीटर रहा। जानकारी के मुताबिक पूरी क्षमता से बांध के भरने के बाद एनएचडीसी इसरो से बैकवॉटर का सैटेलाइट सर्वे कराएगा। सर्वे के अनुसार गांव-गांव में खेती व घरों का सत्यापन करने के बाद यदि कोई व्यक्ति पुनर्वास के लिए पात्र मिलता है तो उसका नियमानुसार पुनर्वास कराया जाएगा।
गौरतलब है सरकार के आदेश पर एनएचडीसी ने 21 अक्टूबर से बांध में 30 सेंटीमीटर प्रतिदिन पानी भरने का काम शुरू किया था। 2007 में पहली बार खुले ओंकारेश्वर बांध जलग्रहण क्षेत्र में खंडवा और देवास जिले के 30 गांव आए थे। जिनके घर व खेती योग्य जमीन डूब में चली गई।
बांध का कैचमेंट एरिया 64,880 किमी है। परियोजना से 1468 लाख हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में सिंचाई करना प्रस्तावित है। इस प्रकार इस परियोजना से 2833 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की कृषि योग्य भूमि में वार्षिक सिंचाई होगी। 520 मेगावाट (8 x 65 मेगावॉट) स्थापित क्षमता के विद्युत उत्पादन यूनिट स्थापित है। एनएचडीसी के उप-महाप्रबंधक शरद जयकर ने बताया सोमवार की सुबह बांध में 196.6 मीटर पूरी क्षमता से पानी भर जाएगा। बांध भरने के बाद इसरो से जलग्रहण क्षेत्र का सैटेलाइट सर्वे कराएंगे।
रविवार को 10वें दिन भी जारी रहा जल सत्याग्रह
ओंकारेश्वर बांध को 196.6 मीटर तक भरने के विरोध में डूब प्रभावितों का जल सत्याग्रह 10वें दिन रविवार को भी जारी रहा। नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथ डूब प्रभावित कामनखेड़ा में पानी में खड़े रहकर अपनी मांग को माने जाने का इंतजार करते रहें।
बढ़ा बैकवाटर, 3 गांव खाली; पुनर्वास का सिलसिला जारी
ओंकारेश्वर बांध में पूर्ण क्षमता से जल भराव के विरोध में नर्मदा आंदोलन का जल सत्याग्रह जारी है। उधर डूब के गांवों में बैक वाटर बढ़ने के साथ प्रभावितों के पुनर्वास का सिलसिला जारी है। केलवां बुजुर्ग, टोकी, व एखंड पूरी तरह खाली हो चुके हैं। केलवां में नया टापू बनने से वहां के लोगों को सक्तापुर शिविर में शिफ्ट किया गया है। रविवार को नबआं प्रमुख आलोक अग्रवाल के साथी अजय गोस्वामी ने भी अपना मकान खाली कर दिया।
घोघलगांव में अजय गोस्वामी ने सामान ले जाने के लिए नाव की मांग की जो तत्काल उपलब्ध करा दी गई। इसी गांव से तीन-चार अन्य परिवारों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। यहां करीब 13 परिवारों का पुनर्वास अब भी बाकी है। शनिवार को कामनखेड़ा का दुर्गाराम अपना सामान मथेला ले जा चुका है। डूब प्रभावितों के सामान परिवहन के लिए प्रशासन ने 70 से अधिक वाहन रखे हैं। रास्ते तैयार करने के लिए 4 जेसीबी व हाथिया बाबा मंदिर के राहत शिविर में एक एंबुलेंस तैनात रखी है। ताकि मरीजों को तत्काल पास के अस्पताल पहुंचाया जा सके।
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